महात्मा गांधी की लिखी चिट्ठी 14 लाख रुपये में होगी नीलाम, जानिए- क्या लिखा है इसमें
लॉर्ड पेथिक लॉरेंस भारत को आजाद करने की वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा थे।
बॉस्टन, प्रेट्र। भारत की आजादी से एक वर्ष पहले महात्मा गांधी का एक ब्रिटिश लॉर्ड को लिखा पत्र नीलाम होने जा रहा है। अपने जन्मदिन पर भेजी गई शुभकामनाओं के जवाब में मोहन दास करमचंद गांधी ने इसमें एक ब्रिटिश लॉर्ड को अपना धन्यवाद लिखकर भेजा था। ऑनलाइन नीलामी में इस पत्र की कीमत 20,000 डॉलर (करीब 14 लाख रुपये) से अधिक की आंकी जा रही है। ऑनलाइन नीलामी में बोली केवल 5 दिसंबर तक ही लगाई जा सकेगी।
पत्र की कीमत 14 लाख रुपये आंकी गई है
एमके गांधी के नाम से हस्ताक्षरित इस एक पन्ने का ऐतिहासिक पत्र भारत और बर्मा (अब म्यांमार) के स्टेट ऑफ सेक्रेटरी लॉर्ड पेथिक लॉरेंस को नई दिल्ली से 10 अक्टूबर, 1946 को भेजा गया था। लॉर्ड पेथिक लॉरेंस भारत को आजाद करने की वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा थे।
महात्मा गांधी ने उन्हें भेजे इस पत्र में लिखा था, 'प्रिय मित्र, मेरे जन्मदिन पर बधाई संदेश भेजना आपकी अच्छाई है। यह दिन (2 अक्टूबर) दरअसल सन् 1918 में पहिए के घूमने के पुनर्जन्म का पर्याय भी है।'
अमेरिका के आरआर ऑक्शन ने बयान जारी करके कहा है कि गांधी जी का पहिए के घूमने का संदर्भ बताना काफी अहम है। चूंकि उन्होंने आर्थिक स्वतंत्रता के लिए भी घूमते पहिए (चरखे) को ही अपना प्रतीक बनाया था। आर्थिक स्वतंत्रता उनके शुरुआती आंदोलन का हिस्सा थी।
प्रथम विश्व युद्ध के कुछ ही समय के बाद शांतिपूर्ण असहयोग आंदोलन से उन्होंने काफी जनसमर्थन जुटा लिया था। दिसंबर, 1921 के बाद गांधी ने अपने अहिंसा आंदोलन का विस्तार करते हुए कहा कि उसमें स्वदेशी नीति को भी शामिल कर लिया था। इसमें ब्रिटिश सामान का बहिष्कार किया गया था। यहीं से चरखा उनकी पहचान बना और उन्होंने देशवासियों को ब्रिटिश कपड़े छोड़कर देश में बनी खादी का इस्तेमाल करने की प्रेरणा दी।