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नस्‍लीय प्रदर्शन से सहमा ब्रिटेन, लंदन में नहीं दिखेंगे दास युग के अवशेष, हटाई जाएंगी प्रतिमाएं

इस योजना के बारे में विस्‍तार से बताते हुए कहा कि इसके तहत उन सड़कों के नाम में भी बदलाव किया जाएगा जो उपनिवेशकाल का प्रतिनिधित्‍व करती हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 11:03 AM (IST)
नस्‍लीय प्रदर्शन से सहमा ब्रिटेन, लंदन में नहीं दिखेंगे दास युग के अवशेष, हटाई जाएंगी प्रतिमाएं
नस्‍लीय प्रदर्शन से सहमा ब्रिटेन, लंदन में नहीं दिखेंगे दास युग के अवशेष, हटाई जाएंगी प्रतिमाएं

लंदन, एजेंसी। ब्रिटने में नस्‍लीय हिंसा के बीच लंदन के महापौर ने घोषणा की है, जल्‍द ही शहर से उपनिवेशकालीन मुर्तियों को हटाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि यह साम्राज्‍यवादी युग के अवशेष है। उन्‍होंने इस योजना के बारे में विस्‍तार से बताते हुए कहा कि इसके तहत उन सड़कों के नाम में भी बदलाव किया जाएगा, जो उपनिवेशकाल का प्रतिनिधित्‍व करती हैं। इसके लिए बाकयादा एक आयोग के गठन का ऐलान किया गया है। आयोग की देखरेख में इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा। महापौर कार्यालय ने कहा कि यह लंदन शहर में लगी मूर्तियों, भित्ति चित्रों, सड़कों के नाम और अन्य स्मारकों की समीक्षा करेगा और विचार करेगा कि कौन सी विरासत को सहेज के रखने की जरूरत है। गौरतलब है कि अमेरिकी अश्‍वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्‍टडी में मौत के बाद अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों में नस्‍लीय हिंसा भड़क गई है। ब्रिटेन में भी नस्‍लीय प्रदर्शन जारी है। कई स्‍थानों पर यह प्रदर्शन हिंसक हो चुका है।

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प्रदर्शनकारियों का गुस्‍सा एडवर्ड कॉलस्टोन की एक मूर्ति पर फूटा 

गत रविवार को ब्रिस्टल शहर में प्रदर्शनकारियों द्वारा गुलाम व्यापारी एडवर्ड कॉलस्टोन की एक मूर्ति को गिराए जाने के बाद लंदन के मेयर ने यह फैसला लिया है। ब्रिस्टल में प्रदर्शनकारियों ने 17 वीं शताब्दी के दास व्यापारी और परोपकारी व्यक्ति कॉलस्टोन की एक प्रतिमा को गिरा दिया और शहर के बंदरगाह में फेंक दिया। इस कड़ी में नए आयोग के गठन के पूर्व ही पूर्वी लंदन में अधिकारियों ने एक 18वीं शताब्‍दी के दास व्‍यापारी रॉबर्ट मिलिगन की प्रतिमा को शहर से हटा दिया गया। मेयर ने कहा कि यह असहज सत्‍य है कि हमारे राष्‍ट्र और शहर का एक बड़ा हिस्‍सा उपनिवेशवादी संस्‍कृति को प्रतिबंबित करता है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों की नजर उन मुर्तियों पर पर है, जो दास युग के मूल्‍यों का प्रतिनिधित्‍व करती हैं। दरअसल, मूर्तियां समाज के मूल्यों के लंबे समय तक चलने वाले प्रतीक के रूप में दुनिया भर में विरोध का केंद्र बन गई हैं। से

रोड्स की एक प्रतिमा को हटाने की मांग तेज 

इस प्रदर्शन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में विक्टोरियन साम्राज्यवादी सेसिल रोड्स की एक प्रतिमा को हटाने की मांग तेज हुई है। जॉर्ज फ्लॉयड की याद में रोड्स मस्ट फॉल समूह के कई सौ समर्थकों ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी के कॉलेज में प्रतिमा के पास एकत्र हुए। ऑक्सफोर्ड शहर के अधिकारियों ने कॉलेज से प्रतिमा को हटाने की अनुमति के लिए आवेदन करने का आग्रह किया ताकि इसे एक संग्रहालय में रखा जा सके। इस प्रदर्शन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में विक्टोरियन साम्राज्यवादी सेसिल रोड्स की एक प्रतिमा को हटाने की मांग तेज हुई है। जॉर्ज फ्लॉयड की याद में रोड्स मस्ट फॉल समूह के कई सौ समर्थकों ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी के कॉलेज में प्रतिमा के पास एकत्र हुए। ऑक्सफोर्ड शहर के अधिकारियों ने कॉलेज से प्रतिमा को हटाने की अनुमति के लिए आवेदन करने का आग्रह किया ताकि इसे एक संग्रहालय में रखा जा सके। 

इस बीच ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि यह एक वास्तविकता थी कि ब्रिटेन में रंग भेदभाव का अनुभव किया, लेकिन कहा कि जिन लोगों ने पुलिस पर हमला किया या सार्वजनिक स्मारकों की क्षति पहुंचाई है उनके खिलाफ  कानून की पूरी ताकत का सामना करना चाहिए।

 

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