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संगीत सुनने से नहीं बढ़ती है रचनात्मकता, इस तरह किया अध्ययन

स्वीडन और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर निकाला निष्कर्ष हमारा मूड जरूर अच्छा करता है संगीत लेकिन किसी काम को करते समय म्यूजिक सुनने से बिगड़ जाती है लय।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 11:09 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 11:09 AM (IST)
संगीत सुनने से नहीं बढ़ती है रचनात्मकता, इस तरह किया अध्ययन
संगीत सुनने से नहीं बढ़ती है रचनात्मकता, इस तरह किया अध्ययन

लंदन, प्रेट्र। हमारे जीवन में संगीत का बहुत महत्व है। अक्सर जब कोई खुशी का पल होता है तो हम संगीत सुनते हैं, जबकि दुख के समय भी अपनी भावनाओं को संगीत के जरिये शांत करने का प्रयास करते हैं। ये भी माना जाता है कि संगीत हमारी रचनात्मकता से संबंधित होता है और संगीत सुनते हुए किसी कार्य को करने से हमारी रचनात्मकता में इजाफा होता है। इससे उस काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे पाते हैं। वास्तविकता इसके विपरीत है। एक नवीन अध्ययन में बताया गया है कि किसी कार्य को करते समय बैकग्राउंड म्यूजिक बजने से हमारी रचनात्मकता बढ़ती नहीं है, उल्टा कुछ परिस्थितियों में इसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है।

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यह अध्ययन स्वीडन स्थित गवले यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन स्थित सेंट्रल लैंकाशिर व लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इसमें शोधकर्ताओं ने इस बात की पड़ताल की कि मौखिक रूप से समस्याओं का समाधान करते समय बैकग्राउंड म्यूजिक बजने से उस व्यक्ति की रचनात्मकता पर क्या असर पड़ता है। ऐसी अवधारणा है कि इस स्थिति में व्यक्ति की रचनात्मकता बढ़ जाती है और वह मौखिक रूप से समस्याओं को बेहतर ढंग से हल कर पाता है।

इस तरह किया अध्ययन

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने विशेष प्रयोग किया। उन्होंने एक प्रतिभागी को तीन शब्द दिए। उदाहरण के तौर पर ड्रेस, डायल, फूल। इसके बाद उन्होंने इससे जुड़े अन्य शब्द दिए जैसे सन दिए और आखिर में इन शब्दों से बने अन्य शब्द जैसे सनड्रेस, सनडायल और सनफ्लावर आदि सुनाए। शोधकर्ताओं ने एक शांत वातावरण में मौखिक टेस्ट लिए, हालांकि इस दौरान बैकग्राउंड म्यूजिक बजता रहा। इस म्यूजिक में वे गाने थे, जिनमें से कुछ से प्रतिभागी परिचित थे। वहीं कुछ इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक और वे गाने थे जो प्रतिभागियों ने पहले कभी नहीं सुने थे।

यह आया सामने

लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के नील मैक्लेची ने कहा, इस प्रयोग के दौरान हमने पाया कि बैकग्राउंड म्यूजिक बजने से प्रतिभागियों का प्रदर्शन बिगड़ गया। इस अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि बैकग्राउंड संगीत हमारी रचनात्मकता को बढ़ाकर हमारे प्रदर्शन को सुधारता नहीं है, उल्टा हमारी प्रदर्शन की लय बिगाड़ देता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि किसी टास्क को करते समय पीछे संगीत बचने से हमारी क्रियाशील स्मृति बाधित होती है। इसी का असर हमारे प्रदर्शन पर पड़ता है। वहीं, शोधकर्ताओं ने इस संदर्भ में एक और प्रयोग किया। इसमें सामने आया कि संगीत हमारे मूड को अच्छा करने का काम करता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि हमेशा से अच्छे या बुरे समय में हमारे मूड को संगीत बदलता है और हमारा एक अध्ययन इस बात की पुष्टि भी करता है। इस तरह शोधकर्ताओं का कहना है कि मूड सही करने के लिए संगीत अच्छा है, लेकिन यदि किसी काम के दौरान संगीत सुना जाए तो उसका बुरा असर ही पड़ता है।


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