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पूर्व लेक्‍चरर और उसके पति ने चार साल से बिल्‍डर को बना रखा था बंधक, जानिये क्‍यों

56 वर्षीय पूर्व प्रवक्‍ता और उसके पति को एक पोलिश बिल्डर को चार साल तक घर के बगीचे के शेड में एक गुलाम बना कर रखना भारी पड़ गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 08:17 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 08:17 PM (IST)
पूर्व लेक्‍चरर और उसके पति ने चार साल से बिल्‍डर को बना रखा था बंधक, जानिये क्‍यों
पूर्व लेक्‍चरर और उसके पति ने चार साल से बिल्‍डर को बना रखा था बंधक, जानिये क्‍यों

हैंपशायर (इंग्‍लैंड) , जेएनएन। भारतीय मूल की 56 वर्षीय पूर्व लेक्‍चरर और उसके पति को एक पोलिश बिल्डर को चार साल तक घर के बगीचे के शेड में एक शख्‍स को गुलाम बना कर रखना भारी पड़ गया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। जिस बगीचे के शेड में बिल्‍डर को रखा गया था, वहां सूरज का प्रकाश आने की व्‍यवस्‍था नहीं थी और वहां शौचालय भी नहीं था। हैंपशायर निवासी 1.2 मिलियन के पांच बेडरूम में रहने वाले प्रीतपाल बिनिंग और उसके पति पलविंदर जो साफ्टवेयर का काम करते हैं, बड़े स्‍तर पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। गौरतलब है कि बिट्रेन में दासता के खिलाफ सख्‍त कानून है।

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 अधिकारियों ने 56 वर्षीय महिला और 54 वर्षीय शख्‍स को साउथेम्प्टन के पास चिलवर्थ से गिरफ्तार किया, जो कई फुटबॉलरों का समृद्ध गांव है। पीड़ित के स्वास्थ्य केंद्र में जाने के बाद पुलिस ने दंपति के लक्जरी घर पर धावा बोला। पीड़ित ने दावा किया कि उसे भोजन के बदले में काम करने के लिए मजबूर किया गया। उसने दावा किया कि ब्रिटिश दंपति ने उसे ठंड में सोने के लिए एक प्लास्टिक का लॉन्जर दिया था। खाने के लिए उसे बासी भोजन दिया गया और उसके पास शौचालय भी नहीं है। उसने आरोप लगाया कि उसे जबरन बगीचे में रहने के लिए बाध्‍य किया गया। 

पलविंदर की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक बिनिंग यूएस आईटी फर्म बीएमसी सॉफ्टवेयर के लिए काम करता है और सात साल तक आईटी फर्म एचपी के लिए काम करता था।

The Polish builder claimed he had been forced to live in a shed, pictured, in Chilworth, near Southampton, for four years

40 वर्षीय पीड़ित ने गैंगमास्टर्स एंड लेबर एब्यूज अथॉरिटी को बताया कि वह बगीचे के एक शेड पर प्लास्टिक लॉन्गर पर सोता था और खाने के लिए बासी भोजन दिया जाता था। उसने बताया कि प्रयोग करने के लिए शौचालय नहीं था और रसोई में एक फ्रिज और धातु की छड़ थी। लेबर एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि दंपति को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। अभी तक उनके खिलाफ आरोप नहीं लगाया गया है। तथ्‍यों के जरिये अधिकारी मामले की तह में जाने की कोशिश कर रहे हैं।

एजेंसी द्वारा उठाए गए फुटेज से पता चलता है कि अधिकारी शेड को खोज रहे हैं। घर के नेम बोर्ड के बगल में एक सुनहरे पोस्ट बॉक्स पर बिनिंग के बड़े और क्रीम-रंग वाले घर के द्वार खुल गए। दो पार्किंग कारों और उच्‍च क्षमता वाले सैलून सै लैस विलासिता वाले घर के शुरू हवादार ब्लॉक से रास्‍ते को देखा जा सकता है।

40 वर्षीय पोलिश आदमी को बगीचे के एक कोने में हवादार ब्लॉक के शेड में रहने के लिए मजबूर किया गया था। प्रीतपाल बिनिंग ने 1998 और 2017 के बीच साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विज्ञान संकाय में काम किया। वह कार्डियोवैस्कुलर और उच्च निर्भरता देखभाल के व्‍यस्क नर्सिंग श्वसन विशेषज्ञ के रूप में अपने क्षेत्र का वर्णन करती है। 2013 में विश्वविद्यालय के न्यूजलेटर में प्रीतपाल बिनिंग को बधाई देते हुए प्रशंसा की, उन्‍होंने 82% अंकों के साथ पीजी की परीक्षा उत्तीर्ण की।

ब्रिटेन के दासता विरोधी निकाय के वरिष्ठ जांच अधिकारी टोनी बार्न ने कहा कि 21 वीं शताब्दी में इस तरह की किसी भी अपमानजनक और घृणास्पद परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। दंपति की गिरफ्तारी के बाद हमारी जांच चल रही है क्योंकि संपत्ति से एकत्र किए गए सबूतों की जांच और आकलन किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि मैं उन एनएचएस कर्मचारियों की प्रशंसा करना चाहूंगा, जिन्होंने उनकी सूचना दी।

वास्तव में यह जरूरी है कि लोग मानते हैं कि किसी का शोषण किया जा रहा है तो लोग संपर्क में रहेंगे। हमसे संपर्क करके यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि समाज के सबसे कमजोर लोग सुरक्षित और समर्थवान बनें।  उनके पड़ोसियों ने कहा कि यह आरोप सुनकर हम स्‍तब्‍ध हैं।  


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