अफवाहों के बीच ब्रिटेन का बड़ा बयान, नहीं दिया UN में भारत के खिलाफ पाक और चीन का साथ
ब्रिटेन ने चीन या चीन द्वारा किसी मसौदा वक्तव्य का समर्थन नहीं किया है। यूएनएससी में कश्मीर मुुुुद्दे पर चीन ने बैठक बुलाई थी।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन के राजनयिक सूत्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में हुई कश्मीर मुद्दे पर बैठक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों द्वारा साफ शब्दों में बताया गया कि ब्रिटेन ने शुक्रवार को हुई संयुक्त राष्ट्र की बैठक में चीन या पाकिस्तान किसी का भी साथ नहीं दिया है।
ब्रिटेन के वरिष्ठ राजनयिक सूत्रों ने सोमवार बताया, 'हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि हमने कश्मीर मुद्दे पर हो रही बहस में भारत के खिलाफ चीन का साथ नहीं दिया। जैसा कि आप जानते हैं, हमारा हमेशा से ही यह कहना है कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर पर एक स्थायी राजनीतिक समाधान खोजना होगा'। सूत्रों द्वारा बताया गया कि चीन ने इस मसले पर बैठक बुलाई थी, इसमें ब्रिटेन की कोई भी भागीदारी नहीं रही। आगे यह भी बताया कि चीन ने UN में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर भारत की कार्रवाई को एकतरफा बताया।
न तो भारत और न ही पाकिस्तान था मौजूद
राजनयिक सूत्रों द्वारा बताया गया, 'बैठक के अंत में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया और न ही आगे कोई कार्रवाई निर्धारित की गई। 50 या 60 वर्षों में यह पहली बार है जब यूएनएससी ने कश्मीर के बारे में बात की है। ब्रिटेन का हमेशा से यह मानना रहा है कि कश्मीर मसले को पाकिस्तान और भारत खुद ही सुलझाएं'।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर कहा कि बैठक में चीन, ब्रिटेन द्वारा समर्थित था और भारत का सबसे बड़ा समर्थन फ्रांस और अमेरिका से आया था। वहीं, यूके के विदेशी कार्यालय ने UNSC की बैठक में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि यह निजी तौर पर आयोजित की एक बैठक थी।
हालांकि, भारतीय लोग टि्वटर पर यह पढ़कर बैलिस्टिक हो गए कि ब्रिटेन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। तो एक ट्वीट किया गया और उसमें कहा गया कि भारत को ब्रिटेन से बाहर निकलना चाहिए और यूरोप में अपने कार्यालय खोलने चाहिए।
वहीं, इसी मसले पर पाकिस्तान को ब्रिटेन का साथ मिलता देख एक भारतीय पत्रकार ने ट्वीट किया, 'ब्रिटेन में दस लाख कश्मीरी है। UNSC में ब्रिटेन का पाकिस्तान को समर्थन, वहां होने जा रहे चुनावों को देखते हुए किया गया'।
ब्रिटेन की सफाई
लेकिन ब्रिटेन के राजनयिक सूत्रों ने सोमवार को बताया, 'हम नहीं जानते कि यह बात कहां से सामने आई है कि ब्रिटेन ने चीन या चीन द्वारा एक मसौदा वक्तव्य का समर्थन किया है। यह सच नहीं है। यह अन्य सदस्यों में से किसी एक से आया होगा, यह यूके से नहीं आया। इसका कोई मसौदा विवरण भी नहीं है। बाद में एक बयान प्रकाशित करने के बारे में बात की गई थी, लेकिन कोई सहमत स्थिति नहीं बन पाई थी, इसलिए मसौदा तैयार करने के लिए कोई बयान नहीं दिया गया। यह सिर्फ एक बहस थी। इसमें कोई भी बयान जारी नहीं किया गया।