जस्टिस काटजू ने लंदन की कोर्ट में किया दावा, नीरव मोदी को भारत में नहीं मिलेगा न्याय
भारत सरकार की ओर से बहस करते हुए यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने काटजू के लिखित और मौखिक दावों का प्रतिरोध किया
लंदन, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में शुक्रवार को भारत सरकार की ओर से भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में साक्ष्य देने के लिए आत्म प्रचारक कहे जाने को चुनौती दी।
जज गूजी ने काटजू के विस्तृत साक्ष्य को सुना, मामला तीन नवंबर तक के लिए स्थगित
पांच दिवसीय सुनवाई के अंतिम दिन न्यायमूर्ति सैमुअल गूजी ने काटजू के विस्तृत साक्ष्य को सुना। इसके बाद उन्होंने मामले को तीन नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। उस दिन वह नीरव के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपों पर भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए सुबूतों की स्वीकार्यता पर तर्क सुनेंगे।
कोर्ट में काटजू के दावों का विरोध कि नीरव की भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी
भारत सरकार की ओर से बहस करते हुए यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने काटजू के लिखित और मौखिक दावों का प्रतिरोध किया कि नीरव की भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी, क्योंकि न्यायपालिका में ज्यादातर लोग भ्रष्ट हैं। बैरिस्टर हेलन मैल्कम ने सवाल किया, क्या यह संभव है, आप एक आत्म प्रचारक हैं, जो प्रेस को बताने के उद्देश्य से कोई अपमानजनक बयान देंगे। इस पर काटजू ने कहा कि आप अपनी राय के हकदार हैं।