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ब्रिटेन में जेरेमी कॉर्बिन लेबर पार्टी से निलंबित, मानवाधिकार आयोग ने यहूदियों के साथ भेदभाव में पाया संलिप्त

जेरेमी कॉर्बिन के उत्तराधिकारी और पार्टी के वर्तमान नेता कीर स्टार्मर ने कहा कि ईएचआरसी की रिपोर्ट हमारे लिए शर्म का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के पदों पर नियुक्ति में यहूदियों के साथ भेदभाव किया गया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 08:54 PM (IST)
ब्रिटेन में जेरेमी कॉर्बिन लेबर पार्टी से निलंबित, मानवाधिकार आयोग ने यहूदियों के साथ भेदभाव में पाया संलिप्त
पार्टी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जांच चलने तक कॉर्बिन निलंबित रहेंगे।

लंदन, रायटर। ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी ने अपने पूर्व प्रमुख जेरेमी कॉर्बिन को पार्टी से निलंबित कर दिया है। ऐसा उनके कार्यकाल में हुए यहूदी विरोधी आचरण के लिए किया गया। हाल ही में आई इक्वैलिटी एंड ह्यूमन राइट्स कमीशन (EHRC) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉर्बिन ने पार्टी प्रमुख के तौर पर यहूदियों के खिलाफ भेदभाव बरते जाने की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। ऐसा उन्होंने जानबूझकर किया।

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कॉर्बिन के उत्तराधिकारी और पार्टी के वर्तमान नेता कीर स्टार्मर ने कहा, ईएचआरसी की रिपोर्ट हमारे लिए शर्म का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के पदों पर नियुक्ति में यहूदियों के साथ भेदभाव किया गया। ईएचआरसी की रिपोर्ट ने स्टार्मर को पार्टी में अपना कदम बढ़ाने का मौका भी दे दिया है। हालांकि कॉर्बिन (71) ने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार करने से इन्कार किया है। फिलहाल पार्टी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जांच चलने तक कॉर्बिन निलंबित रहेंगे।

निलंबन के चलते कॉर्बिन ने हाउस ऑफ कॉमंस में लेबर पार्टी के व्हिप का पद खो दिया है और अब वह पार्टी सांसद के रूप में संसद के प्रस्तावों पर मतदान भी नहीं कर पाएंगे। स्टार्मर ने कहा है कि पार्टी ने ईएचआरसी की पूरी रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और वह उसकी सिफारिशों को लागू करेगी। उन्होंने इसे पार्टी के लिए शर्मनाक बताया और यहूदी समुदाय से माफी मांगी है। स्टार्मर ने कहा, अब कभी ऐसा मौका नहीं आएगा जब यहूदी समुदाय को पार्टी से कोई शिकायत होगी।

यूरोप के साथ रिश्तों को नई दिशा देने में जुटा भारत

वहीं, दूसरी ओर ब्रेक्सिट को लेकर यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच तकरीबन सारे मामलों का समाधान हो चुका है और कोविड की मार भी धीमी पड़ने लगी है। ऐसे में भारत ने ब्रेक्सिट बाद के यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों को दिशा देने की कोशिश शुरू कर दी है। बुधवार को जहां भारत और ब्रिटेन के वित्त मंत्रियों की अगुवाई में 10वीं आर्थिक व वित्तीय वार्ता आयोजित की गई।


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