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भारतीय मूल की सांसद के इस अहम मुद्दे पर टिप्पणी से ब्रिटेन में राजनीति गरमाई

प्रीति पटेल ने ब्रेक्जिट डील के बाद सीमाओं पर होने वाली खाद्य सामग्री की कमी का मुद्दा उठाया। यूरोपीय संघ के साथ बेहतर सौदा करने को कहा, अगले सप्ताह होनी है वोटिंग।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 09:12 PM (IST)
भारतीय मूल की सांसद के इस अहम मुद्दे पर टिप्पणी से ब्रिटेन में राजनीति गरमाई
भारतीय मूल की सांसद के इस अहम मुद्दे पर टिप्पणी से ब्रिटेन में राजनीति गरमाई

लंदन, प्रेट्र। भारतीय मूल की प्रतिष्ठित सांसद द्वारा ब्रेक्जिट मुद्दे पर दिए गए सुझाव के बाद ब्रिटेन में राजनीति गरमा गई है। उन्होंने ब्रेक्जिट डील के बाद सीमाओं पर होने वाली खाद्य सामग्री की कमी का मुद्दा उठाते हुए यूरोपीय संघ के साथ बेहतर सौदा करने को कहा है। उनका बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले सप्ताह टेरीजा मे की ब्रेक्जिट डील पर ब्रिटेन की संसद में वोटिंग होनी है।

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टेरीजा मे की डील का विरोध करने वालों में से सबसे मुखर कंजरवेटिव पार्टी सांसदों में से एक प्रीति पटेल ब्रिटिश सरकार की लीक हुई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से इसका संकेत मिलता है कि बिना किसी सौदे के ब्रेक्जिट से आयरलैंड में खाद्य सामग्री की कमी हो सकती है। जहां तक आर्थिक प्रभाव की बात है तो आयरलैंड पर इसका प्रभाव ब्रिटेन के मुकाबले ज्यादा होगा।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए समाचार पत्र 'द टाइम्स' से बात करते हुए प्रीति पटेल ने कहा, 'सरकार इससे अच्छी तरह वाकिफ थी कि सौदा नहीं होने की सूरत में आयरलैंड को किस तरह का नुकसान उठाना पड़ेगा। आखिर बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर जोर क्यों नहीं दिया गया। अभी भी समय है। ब्रुसेल्स जाइए और अच्छा सौदा करिए।'

आयरलैंड को इस तरह धमकाना गलत

प्रीति पटेल के इस सुझाव पर विपक्षी दल के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे ब्रिटेन के पड़ोसी आयरलैंड के लिए छिपा हुआ खतरा बताया। वहीं भारतीय मूल की लेबर पार्टी की सांसद लीजा नंदी ने कहा, 'आयरलैंड को इस तरह से धमकाना नैतिक रूप से गलत होने के साथ ही पूरी तरह व्यर्थ है। भविष्य में ब्रिटेन को एक भरोसेमंद पड़ोसी और मित्र बनकर दिखाना होगा।' वहीं आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री साइमन कोवेनी ने पटेल की टिप्पणियों को हास्यापद बताया। उन्होंने कुछ लोगों द्वारा इसे देश में 1845 और 1849 के बीच अकाल से जोड़ने को भी गलत बताया।

मेरे सुझाव को गलत संदर्भ में देखा गया

उधर, जब पटेल के इस बयान की आलोचना होने लगी तो उन्होंने ट्विटर पर दिए एक संदेश में कहा कि नो डील पर मेरी टिप्पणियों को संदर्भ से अलग करके देखा गया है। मेरा अभी भी मानना है कि हमें ब्रुसेल्स वापस जाना चाहिए और बेहतर सौदा करना चाहिए। अभी भी वक्त है। सीमाओं, कानूनों और धन का नियंत्रण वापस लेने की जरूरत है।


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