भारतीय उच्चायोग ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रितानी सांसद के लिए जारी किया खुला पत्र
लंदन स्थिति भारतीय उच्चायोग ने भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन और इससे संबंधित गिरफ्तारियों के विरोध में मुखर ब्रिटेन की एक सांसद को खुला पत्र जारी किया है। क्लाउडिया वेब्बे ब्रितानी भारतीय निर्वाचन क्षेत्र लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करती हैं।
लंदन, एजेंसी। लंदन स्थिति भारतीय उच्चायोग ने भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन और इससे संबंधित गिरफ्तारियों के विरोध में मुखर ब्रिटेन की एक सांसद को खुला पत्र जारी किया है। विपक्षी लेबर पार्टी की सदस्य क्लाउडिया वेब्बे ब्रितानी भारतीय निर्वाचन क्षेत्र लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करती हैं। वब्बे भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर ब्रिटेन की सरकार द्वारा बयान जारी किए जाने की अपील करने वाली याचिका को समर्थन दिया है। उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि किसानों का विरोध प्रदर्शन को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ निहत स्वार्थी समूहों ने देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की है।
पत्र में लिखा गया है कि भारत में किसानों की रक्षा और उन्हें सशक्त बानने के इरादे से यह कानून बनाया गया है। इसमें कृषि क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की सिफारिशों को आधार बनाया गया है। इस पर संसद में विधिवत चर्चा और बहस की गई है। इसका लाभ करोड़ों छोटे किसानों को होगा। यह कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार है। किसानों के लिए हितधारक है। पत्र में कहा गया है कि सुधारों के उद्देश्यों के संबंध में किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए उसके साथ विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है।
इस याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि किसी भी याचिका पर हाउस ऑफ कॉमन्स के वेस्टमिस्टर हॉल में बहस के लिए कम से कम एक लाख हस्ताक्षरों की जरूरत होती है। उन्होंने टूलकिट मामले में भारत में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की हाल में सोशल मीडिया के जरिए मांग की थी। इस मामले में हाल में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है। निकिता जैकब एवं इंजीनियर शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। उच्चायोग ने अपने पत्र में लिखा है कि हमले हाल के भारतीय कृषि कानूनों के संबंध में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए विस्तृत एवं समग्र स्पष्टीकरण दिया है। इस कानून के खिलाफ भारतीय किसान समुदाय का एक छोटा समूह प्रदर्शन कर रहा है।