अपनी अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा भारत, चीन को विदेश सचिव का साफ संदेश
प्रमुख यूरोपीय देशों की यात्रा पर निकले विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि हमारी सेनाएं हर चुनौती से टकराने को तैयार है। पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ पर जुड़े एक सवाल के उन्होंने यह बात कही।
लंदन, प्रेट्र। प्रमुख यूरोपीय देशों की यात्रा पर निकले विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने साफ कर दिया है कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। चीन ने सीमा पर यथास्थिति को बदलने का जो एकतरफा प्रयास किया है, वह द्विपक्षीय समझौते को नुकसान पहुंचाने वाला है। भारत इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारतीय विदेश सचिव ने यह बात जर्मन न्यूज चैनल से साक्षात्कार में कही है। श्रृंगला इन दिनों प्रमुख यूरोपीय देशों की सात दिनों की यात्रा पर हैं। वहां वह द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा कर रहे हैं।
इसी दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ पर डीडब्ल्यू न्यूज चैनल के सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। विदेश सचिव ने कहा, अगर सीमा पर एकतरफा कदम उठाकर वहां की स्थिति को बदलने का प्रयास होता है तो उसका दुष्प्रभाव आपसी संबंधों पर पड़ना निश्चित है। चीन ने ऐसा ही कदम उठाकर हालात खराब किए हैं।
श्रृंगला ने कहा, चीन के सैनिकों ने इसके बाद लगातार तीन प्रयास कर पूर्वी लद्दाख की स्थिति को और खराब किया। पैंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर 29 अगस्त और 8 सितंबर के बीच ये प्रयास हुए। इन प्रयासों में चीनी सैनिकों ने हवा में फायर भी किए। दोनों देशों की सीमा पर बीते 45 वर्षो में यह पहली फायरिंग थी।
इस सबके बीच भारत साफ कर देना चाहता है कि वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होने देगा और न ही इस मसले पर कोई समझौता करेगा। हमारी सेनाएं इस मसले पर दृढ़ हैं और वे किसी भी चुनौती से टकराने को तैयार हैं। क्वाड देशों की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा, यह भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की समान सोच पर आधारित गठबंधन है। यह हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में विधि सम्मत स्वतंत्र आवागमन का पक्षधर है। यह सभी देशों की स्वतंत्रता और संप्रभुता के सम्मान की बात करता है।