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भारत ने ब्रिटेन सरकार से की मांग, विजय माल्या और नीरव मोदी का जल्द करे प्रत्यर्पण

विदेश सचिव ने बताया कि ब्रिटेन के मंत्रियों को जानकारी दी है कि विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में भारत ने ब्रिटेन में सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर दिया है। ऐसी स्थिति में हम चाहते हैं कि दोनों को शीघ्र ही भारत को सौंप दिया जाए।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 10:00 PM (IST)
भारत ने ब्रिटेन सरकार से की मांग, विजय माल्या और नीरव मोदी का जल्द करे प्रत्यर्पण
शराब कारोबार विजय माल्या और भगो़ड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी

लंदन, प्रेट्र। भारत ने किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख विजय माल्या और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को जल्द सौंपने की ब्रिटेन सरकार से मांग की है। भारत के विदेश सचिव हर्षव‌र्द्धन श्रृंगला ने अपनी लंदन यात्रा के दौरान इन दोनों के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल और दक्षिण एशिया मामलों से संबंधित विदेश मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद सहित कई मंत्रियों से वार्ता की।

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यहां हुई वार्ता की जानकारी देते हुए विदेश सचिव ने बताया कि हमने ब्रिटेन के मंत्रियों को जानकारी दे दी है कि विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में भारत ने ब्रिटेन में सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर दिया है। ऐसी स्थिति में हम चाहते हैं कि दोनों को शीघ्र ही भारत को सौंप दिया जाए। हमने यह भी बता दिया है कि इन दोनों का प्रत्यर्पण भारत के लिए अहम मामला है।

ब्रिटेन में जमानत पर है विजय माल्या

ज्ञात हो कि विजय माल्या बंद हो चुकी किंग फिशर एयर लाइन द्वारा भारतीय बैंकों से ऋण लिए जाने के संबंध में दर्ज धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत में वांछित है। फिलहाल वह ब्रिटेन में जमानत पर है। नीरव मोदी लंदन की वड़्सवर्थ जेल में बंद है। वह पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भगोड़ा घोषित है।

पेरिस और बर्लिन की यात्रा के बाद विदेश सचिव श्रृंगला लंदन पहुंचे। यहां पर उन्होंने भारत-ब्रिटेन की पार्टनरशिप में बन रही वैक्सीन सहित कई मुद्दों पर भी बातचीत की।

वहीं, दूसरी ओर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की सुनवाई कर रहे ब्रिटिश न्यायाधीश ने मंगलवार को फैसला दिया था कि भगोड़े हीरा कारोबारी के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सुबूत व्यापक रूप से स्वीकार्य हैं। जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में सीबीआइ और ईडी द्वारा पेश कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता को लेकर दलीलें सुनीं थी।


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