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विंडरश घोटाले में ब्रिटिश सरकार ने की गलत तरीके से कार्रवाई, पकड़े गए 18 लोगों से माफी मांगी

गृह सचिव ने कहा कि इस गलती की भरपाई के लिए जो भी संभव होगा, किया जाएगा। ये 18 लोग 1973 से पहले ब्रिटेन आए थे लेकिन ये वहां पर लगातार रहने के सुबूत पेश नहीं कर पाए थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 09:59 PM (IST)
विंडरश घोटाले में ब्रिटिश सरकार ने की गलत तरीके से कार्रवाई, पकड़े गए 18 लोगों से माफी मांगी
विंडरश घोटाले में ब्रिटिश सरकार ने की गलत तरीके से कार्रवाई, पकड़े गए 18 लोगों से माफी मांगी

लंदन, प्रेट्र। आव्रजन संबंधी विंडरश घोटाले में पकड़े गए लोगों में से कई पर गलत तरीके से कार्रवाई होने की बात सामने आई है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और पीडि़तों की क्षतिपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिया है। इस घोटाले की जद में आए लोगों में तीसरा सबसे बड़ा समूह 102 भारतीयों का है।

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मामला 1948 से शुरू हुआ जब विंडरश नाम के पानी के जहाज से कैरेबियाई देशों से मजदूरी के लिए अश्वेत लोग ब्रिटेन लाए गए। लोगों को लाने के इस सिलसिले में कुछ दशक बाद इन लोगों के परिवार बढ़े और उनके कानूनी दर्जे को लेकर सवाल पैदा हुए। सन 1973 में सरकार ने विंडरश आव्रजन स्कीम के तहत मजदूर परिवारों से जुड़े लोगों को ब्रिटेन में रहने का स्थायी वीजा दे दिया। लेकिन बाद में हुई जांच में विंडरश आव्रजक के रूप में स्थायी वीजा प्राप्त करने वाले 2,272 लाभार्थी फर्जी पाए गए।
इनमें सर्वाधिक 1,093 लोग जमैका के, 213 लोग बारबडोस के, 102 लोग भारत के, 88 लोग ग्रेनेडा के और 86 लोग ट्रिनिडाड व टोबैगो के थे। इन 102 भारतीयों में से 69 ने विंडरश स्कीम का लाभ लेने के लिए दस्तावेज पेश करके अपने आगमन को सही साबित करने की कोशिश की। इन्होंने बताया कि इनमें से कुछ के बच्चे ब्रिटेन में पैदा हुए और कुछ आने के समय नाबालिग थे, जो बाद में ब्रिटेन में रहने के दौरान बालिग हुए।

ब्रिटेन की संसद की स्थानीय मामलों की स्थायी समिति के समक्ष मंगलवार को गृह सचिव साजिद जावीद पेश हुए। उन्होंने कहा कि विंडरश परिवारों से जुड़े कुछ लोगों को जो कठिनाइयां हो रही हैं, वे अस्वीकार्य हैं। गृह सचिव ने उन 18 कैरेबियाई लोगों से माफी मांगी जो आव्रजन संबंधी जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए और उन्हें ब्रिटेन से जबरन बाहर किया गया। गृह सचिव ने कहा कि इस गलती की भरपाई के लिए जो भी संभव होगा, किया जाएगा। ये 18 लोग 1973 से पहले ब्रिटेन आए थे लेकिन ये वहां पर लगातार रहने के सुबूत पेश नहीं कर पाए थे। उल्लेखनीय है कि विंडरश लाभार्थियों का मामला ब्रिटेन में कई सालों से उलझा हुआ है, कई सरकारें इसे सुलझा नहीं पाई हैं।


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