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40 हजार साल पहले ही खगोल विद्या समझ चुके थे मानव, यूरोपीय देशों की गुफा से चला पता

ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इडेनबर्ग के वैज्ञानिकों का कहना है कि ये चिन्ह तारों के समूह को दर्शाते हैं। इनका इस्तेमाल खगोलीय घटनाओं जैसे धूमकेतू के टकराने आदि की तारीख पता करने में किया जाता था।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 05:20 PM (IST)
40 हजार साल पहले ही खगोल विद्या समझ चुके थे मानव, यूरोपीय देशों की गुफा से चला पता
40 हजार साल पहले ही खगोल विद्या समझ चुके थे मानव, यूरोपीय देशों की गुफा से चला पता

लंदन, प्रेट्र। प्राचीन मानवों को चालीस हजार साल पहले ही खगोल विद्या के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हो चुकी थीं। यूरोप की गुफाओं में पाए गए प्राचीन चित्रों के अध्ययन में यह सामने आया है। इन चित्रों में जानवरों के चिन्ह भी हैं। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इडेनबर्ग के वैज्ञानिकों का कहना है कि ये चिन्ह तारों के समूह को दर्शाते हैं। इनका इस्तेमाल खगोलीय घटनाओं जैसे धूमकेतू के टकराने आदि की तारीख पता करने में किया जाता था।

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तारों की स्थिति से लगाते थे समय या काल का पता

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि प्राचीन मानव हजारों सालों में तारों की स्थिति बदलने के अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर समय या काल का पता लगाया करते थे। उन्हें पृथ्वी के घूर्णन अक्ष में होने वाले बदलाव के प्रभावों का भी पता चल गया था। ताजा अध्ययन से यह भी पता चला है कि प्राचीन मानव खगोल विद्या के बारे में हमारे अनुमान से अधिक जानकारी रखते थे। उसी का इस्तेमाल कर उन्होंने सागरों की दिशा का भी पता लगाया होगा।

गुफा में मिले चित्रों का किया गया अध्ययन 

वैज्ञानिकों ने तुर्की, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी की गुफा में मिले पाषाण और नव पाषाण काल के चित्रों का अध्ययन किया था। इन चित्रों में हजारों साल का अंतर था लेकिन सभी ने समय की जानकारी रखने के लिए खगोल शास्त्र पर आधारित एक ही तरीके का इस्तेमाल किया।

वैज्ञानिकों ने अपनी खोज की पुष्टि के लिए अन्य कालों के दौरान गुफाओं में की गई चित्रकारी का तुलनात्मक अध्ययन किया। प्रोफेसर मार्टिन स्वेटमैन ने कहा, 'बौद्धिक क्षमता के मामले में प्राचीन मानव हमसे पीछे नहीं थे। इस अध्ययन से प्रत्येक काल में मानवों के विकास तथा उन पर धूमकेत के प्रभाव का भी पता चला है।


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