इराक में महलों का शहर समारा 9वीं शताब्दी में कांच उद्योग का प्रमुख केंद्र था
बगदाद से 125 किलोमीटर बसा समारा रहा है खलीफाओं की राजधानी, मिस्र से भी आयातित कांच का प्रयोग यहां के महलों में किया गया है।
लंदन [प्रेट्र]। पूर्व अब्बासिद खलीफाओं की राजधानी और इराक में महलों का शहर समारा 9वीं शताब्दी में कांच के उत्पादन और व्यापार प्रमुख केंद्र था। यह बात एक शोध में सामने आई है। इराक में बगदाद से 125 किलोमीटर उत्तर में बसा समारा 836 से 892 ईसवी के बीच में अब्बासिद की राजधानी रहा है। इसकी सजावट में कांच का विशेष रूप से प्रयोग किया गया था। ऐसे में यह शुरुआती इस्लामी कला और पुरातात्विक अध्ययन का प्रमुख केंद्र है। हालांकि समारा के कांच की कलाकृतियों और शहर की अर्थव्यवस्था में उसके रोल को हमेशा से मायावी माना गया है।
फ्रांस की डोरलीन्स यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन स्थित ब्रिटिश संग्रहालय के शोधकर्ताओं ने जर्मनी और इंग्लैंड में रखी गई समारा की करीब 265 कलाकृतियों का अध्ययन किया। इसमें कटोरी, लैंप, बोतल और सजावटी कांच व अन्य चीजें शामिल हैं। द्रव्यमान के अतिसूक्ष्म विश्लेषण से कांच के उस तत्व की पहचान की गई, जिससे कि इसकी उत्पत्ति के भौगोलिक स्थान का पता चलता है। जनरल प्लोस वन में प्रकाशित परिणाम में बताया गया है कि समारा के कांच का कुछ हिस्सा लेवैंट और मिस्र से आयात किया गया था।
हालांकि कई कलाकृतियां मिश्रण में इतनी समान हैं कि शोधकर्ताओं का यह मानना है कि इसमें प्रयोग किए गए अधिकतर कांच का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही किया गया था। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि इराक का यह शहर कांच के उत्पादन और व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां खलीफा के महल को सजाने में सबसे अच्छी क्वालिटी के कांच का प्रयोग हुआ है। उस समय इस कांच का सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से काफी महत्व था।
डोरलीन यूनिवर्सिटी के नैडिन शिबिल का कहना है कि समारा में प्रयोग किए गए नौवीं सदी के कांच का रासायनिक विश्लेषण करने से यह बात स्पष्ट होती है कि यह शहर कांच उद्योग का प्रमुख केंद्र था और चुनिंदा कांच के सामानों का यहां आयात भी किया जाता था। हमारे विश्लेषण से मिली जानकारी में यह स्पष्ट है कि इस नई राजधानी में कांच का उत्पादन किया जाता था।