दक्षिण एशियाई साहित्य पुरस्कार की दौड़ में चार भारतीय लेखक
पुरस्कार विजेताओं की घोषणा अगले साल 22 जनवरी को कोलकाता साहित्य मीट के समय की जाएगी।
लंदन, आइएएनएस। दक्षिण एशियाई साहित्य पुरस्कार डीएससी-2018 की अंतिम सूची में चार भारतीय और दो पाकिस्तानी लेखक जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। अंतिम सूची का एलान साउथ एशियन लिटरेचर प्राइज एंड इवेंट ट्रस्ट (एसएएलपीइटी) ने इंग्लैंड के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में गुरुवार को किया।
इनमें भारत के नील मुखर्जी, जयंत कैकिनी, मनु जोसेफ, और सुजीत सराफ और पाकिस्तान के मोहसीन हामिद और कमिला शम्सी शामिल हैं। डीएससी प्राइज-2018 के जूरी पैनल के अध्यक्ष रुद्रांगशु मुखर्जी के अनुसार, जयंत की नो प्रजेंट्स प्लीज, शम्सी की होम फायर, मनु जोसेफ की मिस लैला आर्म्ड एंड डेंजरस, मोहसीन की एक्जिट वेस्ट, मुखर्जी की ए स्टेट ऑफ फ्रीडम और शराफ की हरीलाल एंड संस किताबों को समीक्षा के बाद अंतिम सूची में शामिल किया गया है।
पुरस्कार विजेताओं की घोषणा अगले साल 22 जनवरी को कोलकाता साहित्य मीट के समय की जाएगी। पुरस्कार राशि 25 हजार डॉलर (करीब 18 लाख रुपये) है। यह पुरस्कार 2011 से दिया जा रहा है।