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ब्रेक्जिट करार के लिए PM टेरीजा की कूटनीतिक संघर्ष जारी, ब्रुसेल्‍स पर टिकी सबकी निगाहें

यूरोपीय संघ के अध्‍यक्ष डोनाल्‍ड टस्‍क ने आज ब्रुसेल्‍स में एक विशेष शिखर सम्‍मेलन बुलाया है। इस सम्‍मेलन में यूरोपीय संघ के प्रमुख नेता हिस्‍सा लेंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 09:36 AM (IST)
ब्रेक्जिट करार के लिए PM टेरीजा की कूटनीतिक संघर्ष जारी, ब्रुसेल्‍स पर टिकी सबकी निगाहें
ब्रेक्जिट करार के लिए PM टेरीजा की कूटनीतिक संघर्ष जारी, ब्रुसेल्‍स पर टिकी सबकी निगाहें

लंदन, एजेंसी। ब्रिटिश सांसदों द्वारा ब्रेक्जिट करार दोबारा खारिज करने के बाद यूरोपीय संघ के अध्‍यक्ष डोनाल्‍ड टस्‍क ने आज ब्रुसेल्‍स में एक विशेष शिखर सम्‍मेलन बुलाया है। इस सम्‍मेलन में यूरोपीय संघ के प्रमुख नेता हिस्‍सा लेंगे। इस शिखर सम्‍मेलन के पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से मुलाकात की।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने दोनों नेताओं से ब्रेक्जिट की समय-सीमा के विस्‍तार लिए अनुरोध किया है। टेरीजा ने दोनों प्रमुख नेताओं से 12 अप्रैल से 30 जून तक ब्रेक्जिट की समय सीमा विस्‍तार के लिए आग्रह किया। ब्रेक्जिट को लेकर ब्रुसेल्‍स की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस क्रम में टेरीजा ने सबसे पहले बर्लिन की यात्रा की और जर्मन चांसलर से मुलाकात की। भोज के साथ हुई यह वार्ता काफी सकारात्‍मक और अहम मानी जा रही है।

उधर, इसे लेकर ब्रिटेन की सियासत में घमासान मचा है। ब्रिटिश सांसदों ने सोमवार को एक नया कानून बनाकर बिना किसी समझौते वाले ब्रेक्जिट पर प्रतिबंध लगा दिया है। सांसदों के इस रूख के बाद टेरीजा ब्रेक्जिट के लिए यूरोपीय संघ से और समय मांगने के विवश हो गई हैं। एक हफ्त के घटनाक्रम में इस कानून से संबंधित विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित कर दिया गया। हालांकि, ब्रिटेन की सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि इस कारण यूरोपीय संघ से बातचीत के उसके रास्‍ते सीमित हो जाएंगे।

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ब्रिटेन की संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली एंड्रिया लीडसम ने सांसदों से कहा कि यह बंदरबांट है। उन्होंने विधेयक को गैर-परंपरागत बताते हुए उसका विरोध किया। हालांकि यह कानून सांसदों की पहल पर पास हुआ। आमतौर पर सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयक पर संसद में बहस होती है और उसके बाद उसे पास किया जाता है। नया कानून बनने के बाद अब सरकार को एक प्रस्ताव रखकर संसद को बताना होगा कि वह ब्रेक्जिट के लिए यूरोपीय संघ से और वक्त मांगेगी। ऐसे में दोबारा यूरोपीय संघ को ब्रेक्जिट की तारीख बढ़ाने के लिए मनाना टेरीजा मे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।


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