British Airways Flights Cancellations: स्टाफ की कमी से ब्रिटेन के हवाईअड्डों पर व्यवस्था चरमराई, मामले में पश्चिम की मीडिया ने साधी चुप्पी
British Airways Flights Cancellations स्टाफ की कमी का सामना कर रही ब्रिटिश एयरवेज के कर्मचारियों ने बड़ी तादाद में हड़ताल पर जाने के पक्ष में मतदान किया है। जिसके चलते कंपनी को मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच अपनी करीब 8000 उड़ाने रद करनी पड़ी हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली: अगर यह अव्यवस्था भारत में फैली होती तो पश्चिमी मीडिया आसमान सर पर उठा लिया होता। भारत सरकार की धज्जियां जा रही होती। लेकिन मामला ब्रिटेन का है। वहां के सभी प्रमुख हवाईअड्डों पर अफरातफरी मची है, प्रतिदिन सैकड़ों उड़ानें रद कर दी जा रही हैं, हजारों यात्री परेशान है, हवाईअड्डों पर लगेज का अंबार लगा है, लेकिन पश्चिमी मीडिया चुप है। पश्चिमी मीडिया का यह दोहरा चरित्र हैरान करने वाला है।
हीथ्रो समेत कई हवाईअड्डों पर सामान का लगा अंबार
गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने निकले लोगों को हवाईअड्डों पर स्टाफ की कमी चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लंदन के हीथ्रो और मैनचेस्टर के हवाईअड्डों पर यात्रियों के बैग की लदान भी नहीं हो पा रही है। हवाईअड्डों पर बैग और सूटकेस का अंबार लगा है। कौन समान किस यात्री का है यह पता लगाना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह हो गई है कि लोगों को अपने सामान हवाईअड्डे पर ही छोड़कर यात्रा करनी पड़ रही है। मैनचेस्टर हवाईअड्डे के टर्मिनल दो पर इस तरह की ज्यादा शिकायतें मिलीं।
स्टाफ की कमी के कारण हजारों उड़ाने रद
पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रही ब्रिटेन की सबसे बड़ी एयरलाइंस ब्रिटिश एयरवेज के 97 प्रतिशत स्टाफ ने हड़ताल पर जाने के पक्ष में मतदान किया है। इसके चलते ब्रिटिश एयरवेज को पिछले कुछ महीने में 8000 हजार उड़ानें रद करनी पड़ी है। दरअसल, कोरोना के चलते ब्रिटिश एयरवेज ने हजारों कर्मचारियों की छटनी की थी, जिसके चलते हवाईअड्डे पर काम करने वाले कर्मचारी कम पड़ गए हैं। एयरलाइंस को अनुमान से ज्यादा घाटा भी हुआ है। उसे कोरोना के बाद छह कर्मचारियों को भर्ती करना था, लेकिन घाटे की वजह से यह प्रक्रिया धीमी पड़ गई है।
रोजाना रद हो रहीं हैं सैकड़ों उड़ाने
ईजीजेट ने प्रतिदिन अपनी 40 उड़ानें रद कर दी हैं। गैटविक हवाईअड्डे से रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद करनी पड़ रही है। औसतन हजार से ज्यादा उड़ानों वाले इस हवाईअड्डे से जुलाई में प्रतिदिन 825 उड़ानें ही निर्धारित की गई हैं, वहीं अगस्त के लिए इनकी संख्या 850 है। अनुमान के मुताबिक हर 10वीं उड़ान रद करनी पड़ी है। उड़ानों में 26-26 घंटे तक की देरी हो रही है। इस अफरा तफरी की वजह किसी की तरफ से भी स्पष्ट नहीं की जा रही है। अधिकारी इसके लिए तकनीकी खामी को जिम्मेदार बता रहे हैं। लेकिन यह स्थिति कब तक बनी रहेगी, इसका जवाब उनके पास भी नहीं हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने बताई परेशानी
यात्रियों की परेशानी कोई नहीं सुन रहा है। यात्री इंटरनेट मीडिया के जरिये अपनी परेशानी बता रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर हवाईअड्डों पर अपरा-तफरी की तस्वीरों की बाढ़ आ गई है। इतना कुछ होने के बाद भी पश्चिम की मुख्यधारा की मीडिया में बहुत कुछ नहीं लिखा जा रहा है।
Hey @British_Airways, you have cancelled our flight (LAX-LHR) won't rebook us onto another one and now closed my conversation with your customer service team. Abandoned.— Jon Edwards (@Jon8Edwards) June 18, 2022
@British_Airways Our flight home from Orlando has been cancelled. The staff member in the airport said not to book our own hotel for tonight until they say so. We waited an hour and asked again, this time he said actually maybe we should book our own hotel. What do we do? 1/2— Chloé (@cerloweee) June 18, 2022
अगर भारत जैसे किसी विकासशील देश में इस तरह की स्थिति पैदा हुई होती और पश्चिमी देशों के यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती तो वहां की मीडिया ने हंगामा मचा दिया होता। ऐसा दिखाया जाता कि ये देश तकनीकी के लिहाज से आज भी पिछड़े हुए हैं। इस तरह से पश्चिमी मीडिया का दोहरा चरित्र भी सामने आ गया है।