Climate Change: ब्रिटेन में 40 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान, मौसम वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन बताया वजह
विश्व मौसम संगठन (WMO) ने कहा है कि ब्रिटेन में इस सप्ताह रिकॉर्ड 40 डिग्री या उससे भी अधिक असाधारण तापमान का स्तर दरअसल मौजूदा वातावरण में मानव गतिविधियों से अप्रभावित प्राकृतिक वातावरण की तुलना में 10 गुना ज़्यादा होने की सम्भावना है।
जिनेवा, एजेंसी। ब्रिटेन में मौसम विभाग ने इतिहास का पहला ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। ब्रिटेन के मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि ‘रेड अलर्ट’ के तहत इंग्लैंड के ज्यादातर हिस्सों में पहली बार अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की चेतावनी दी गई है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने सोमवार को चेतावनी दी कि वर्तमान जलवायु में, 'मानव प्रभाव से अप्रभावित प्राकृतिक जलवायु' की तुलना में 40 डिग्री सेल्सियस (40°C) या इससे अधिक तापमान का अनुभव होने की संभावना 10 गुना अधिक है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा- यह पहली बार है जब हमने यूके में 40 डिग्री सेल्सियस का अनुमान लगाया है। यूके में वर्तमान रिकॉर्ड उच्च तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस है, जो 25 जुलाई 2019 को कैम्ब्रिज बॉटैनिकल गार्डन में पहुंचा था।
For the first time temperatures of 40°C have been forecast in the UK and UK MetOffice has issued the first ever Red warning for exceptional #heatwave. In Portugal and Spain, temperatures have reached highs around 46 degrees Celsius. Details here👇https://t.co/S4R5we1xsD... pic.twitter.com/HK4EwESAc9— World Meteorological Organization (@WMO) July 18, 2022
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि ब्रिटेन के मौसम कार्यालय ने पहली बार असाधारण गर्मी के लिए 'लाल चेतावनी' (Red Alert) जारी की है, मंगलवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 फ़ारेनहाइट) तक पहुंचने का अनुमान है।
ब्रिटेन के मौसम कार्यालय के मुख्य मौसम विज्ञानी पॉल गण्डर्सन का कहना है,'रात में भी तापमान असाधारण रूप से गर्म रहने की सम्भावना है, विशेष रूप से नगरीय क्षेत्रों में।'
'इस स्थिति का लोगों व ढाँचे पर बहुत व्यापक असर होने वाला है। इसलिये ये बहुत अहम है कि लोग गर्मी को ध्यान में रखते हुए ही अपने कार्यक्रम व योजनाएँ बनाएँ और अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। इस स्तर की गर्मी के, स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव हो सकते हैं।'
विश्व मौसम संगठन के वैश्विक पर्यावरण निगरानी कार्यक्रम में वैज्ञानिक अधिकारी लोरेन्ज़ो लैबरेडॉर का कहना है कि गर्मी की ये लहर एक ढक्कन की तरह भी काम कर रही है जो वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्वों को यहीं रोके हुए हैं जिनमें कणिका तत्व (particulate matter) भी शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता में गिरावट और विपरीत स्वास्थ्य प्रभावों के रूप में देखने को मिल रहे हैं, विशेष रूप से निर्बल हालात वाले लोगों के लिये।
मानवता का आधा हिस्सा ख़तरे के दायरे में- यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को जर्मनी में एक उच्चस्तरीय जलवायु कार्यक्रम को दिये अपने वीडियो सन्देश में आगाह करते हुए कहा, 'मानवता का आधा हिस्सा ख़तरे के दायरे में है' जो बाढ़ें, सूखा, भीषण तूफ़ान, और जंगली आगों का सामना कर रहा है।
एंतोनियो गुटेरश ने पीटर्सबर्ग में 40 देशों से आए मंत्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य, नवम्बर 2021 में ग्लासगो में हुए यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप26 के बाद से बहुत कमज़ोर हो चुका था, और अब तो इसकी धड़कन और भी ज़्यादा कमज़ोर हो गई है।