साहसिक खेल खेलने वाले बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य हो सकता है बेहतर, आंतरिक समस्याएं भी होती हैं कम
अध्ययन का नेतृत्व करने वाली हेलेन डोड के अनुसार हम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पहले से अधिक चिंतित हैं। अध्ययन निष्कर्ष इस बात को रेखांकित करते हैं कि हम बच्चों को साहसिक खेलों के लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराकर उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
लंदन, आइएएनएस। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक हालिया अध्ययन में पाया है कि जो बच्चे साहसिक खेलों को ज्यादा समय देते हैं, उनमें चिंता व अवसाद के लक्षणों का खतरा कम होता है। चाइल्ड साइकाइअट्री एंड ह्यूमन डेवलपमेंट नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में बताया गया है कि घर से बाहर खेलने वाले 5-11 साल के बच्चों में आंतरिक समस्याएं कम होती हैं। ऐसे बच्चे कोरोना संक्रमण के कारण लागू पहले लाकडाउन के दौरान भी ज्यादा सकारात्मक रहे।
ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी आफ एक्सटर की शोधकर्ता तथा अध्ययन का नेतृत्व करने वाली हेलेन डोड के अनुसार, 'हम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पहले से अधिक चिंतित हैं। अध्ययन निष्कर्ष इस बात को रेखांकित करते हैं कि हम बच्चों को साहसिक खेलों के लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराकर उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।'
खेलना बच्चों के लिए मुफ्त, सहज व पुरस्कार की तरह
उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में सकारात्मक है, क्योंकि खेलना बच्चों के लिए मुफ्त, सहज व पुरस्कार की तरह है। यह सभी के लिए उपलब्ध है और इसके लिए विशेष कौशल की जरूरत नहीं होती। अब हमें अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक स्थानों, अच्छे पाकरें व साहसिक खेल के मैदानों में निवेश करने की जरूरत है।'
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 5-11 साल की उम्र के बच्चों के करीब 2,500 अभिभावकों का सर्वे किया।