ब्रिटेन कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण पर आखिरी सुनवाई शुरू, मुंबई सेंट्रल जेल में तैयारी पूरी
न्यायाधीश ने आर्थर रोड पर स्थित मुंबई सेंट्रल जेल के बैरक संख्या 12 में स्वाभाविक रोशनी और चिकित्सकीय सहायता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।
लंदन, पीटीआइ। लंदन के वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर आखिरी सुनवाई शुरू हो गई है। ब्रिटेन की कोर्ट इस बात का फैसला सुनाएगा कि 62 वर्षीय माल्या को भारत को सौंपा जा सकता है या नहीं। भारत में वह करीब 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी हैं। अदालत से उन्हें दो अप्रैल तक जमानत मिली हुई है। इसी आधार पर वह शुक्रवार को सुनवाई के समय हाजिर होने के लिए बाध्य नहीं थे।
न्यायाधीश ईम्मा एब्रुथनोट क्राउन प्रासक्यूशन सर्विस (सीपीएस) की ओर से पेश किए गए सुबूतों को स्वीकार करने पर फैसला दे सकती हैं। सीपीएस ने भारत सरकार की ओर से सुबूत पेश किया है। इसके अलावा न्यायाधीश अपने फैसले की समयसीमा तय करेंगी।
जनवरी में पिछली सुनवाई के दौरान माल्या के वकील क्लेरे मोंटगोमेरी ने दलील दी थी कि सीपीस ने सुबूतों को धोखे का ब्लूप्रिंट होने का दावा किया है। उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किए जाने का अनुरोध किया था। भारत सरकार द्वारा पेश दूसरी श्रेणी के सुबूतों पर माल्या की टीम ने मामले के जांच अधिकारियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। बचाव पक्ष की दलील पूरी हो जाने के बाद सीपीएस जवाब देगा।
न्यायाधीश ने आर्थर रोड पर स्थित मुंबई सेंट्रल जेल के बैरक संख्या 12 में स्वाभाविक रोशनी और चिकित्सकीय सहायता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था। यदि माल्या ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किए जाते हैं, तो उन्हें इसी जेल में रखा जाएगा। अपने भंग हो चुके किंगफिशर एयरलाइन के लिए विभिन्न भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये कर्ज लेने वाले माल्या भारत से भाग निकले और मार्च 2016 से वह ब्रिटेन में रह रहे हैं। उनके खिलाफ प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पिछले वर्ष चार दिसंबर से शुरू हुई है।