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ब्रेक्जिट मुक्‍त व्‍यापार सौदे पर इस सप्‍ताह हो सकता है अहम फैसला, आयरिश पीएम ने दिए संकेत

आयरिश प्रधानमंत्री म‍िचेल मार्टिन ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटिश और यूरोपीय संघ के वार्ताकारों के पास इस सप्‍ताह ब्रेक्जिट मुक्‍त व्‍यापार सौदा समाप्‍त करने का विकल्‍प है। उन्‍होंने कहा कि इस समझौते को समाप्‍त करने के लिए राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की जरूरत होगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 10:45 AM (IST)
ब्रेक्जिट मुक्‍त व्‍यापार सौदे पर इस सप्‍ताह हो सकता है अहम फैसला, आयरिश पीएम ने दिए संकेत
आयरिश प्रधानमंत्री म‍िचेल मार्टिन ने कहा ब्रेक्जिट सौदे के लिए हो अहम सप्‍ताह। फाइल फोटो।

डब्लिन, एजेंसी। आयरिश प्रधानमंत्री म‍िचेल मार्टिन ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटिश और यूरोपीय संघ के वार्ताकारों के पास इस सप्‍ताह ब्रेक्जिट मुक्‍त व्‍यापार सौदा समाप्‍त करने का विकल्‍प है। उन्‍होंने कहा कि इस समझौते को समाप्‍त करने के लिए राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की जरूरत होगी। उन्‍होंने कहा कि फ‍िलहाल उनके लिए यह सप्‍ताह काफी अहम हो सकता है। उनके पास सौदा समाप्‍त करने का विकल्‍प है। आयरशि प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ओर से संकेत दिए गए थे कि 15 अक्टूबर तक समझौता होता है तो ठीक, अन्यथा ब्रिटेन बिना समझौते के ब्रेक्जिट पर अमल करेगा और अपने अनुसार व्यापार शर्ते लागू करेगा। ब्रिटेन- ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौते की मांग कर रहा है।

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गौरतलब है कि ब्र‍िटेन 31 जनवरी को ईयू से अलग हो चुका है। ईयू के साथ पुरानी व्‍यवस्‍था के अनुसार ईयू के साथ उसका व्‍यापार 31 दिसंबर तक ही चलना है। इस बीच दोनों पक्षों को एक नया व्‍यापार समझौता करना है। हालांकि, इसको लेकर ईयू और ब्रिटेन के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। ब्रिटेन शासित उत्तरी आयरलैंड का मामला उसमें बड़ा गतिरोध साबित हो रहा है। ईयू जहां उसके लिए विशेष प्रावधान की मांग कर रहा है, वहीं ब्रिटेन वहां की व्यवस्था को खुद के साथ जोड़ने के लिए कह रहा है।

बीते दिनों ब्रिटेन की ओर से मुख्य वार्ताकार डेविड फ्रॉस्ट ने कहा था कि समझौते को लेकर हमारी बातों को ईयू गंभीरता से नहीं ले रहा। वहीं यूरोपियन कमीशन की प्रमुख उर्सला वॉन डियर लिएन ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि ब्रिटेन पूर्व में तय अलगाव की शर्तों का सम्मान करेगा और ईयू के साथ व्यापार समझौता करेगा। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यह उसकी जिम्मेदारी भी है। भविष्य में होने वाले समझौतों के लिए पुरानी बातों का सम्मान करना जरूरी है।


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