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बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट को ब्रिटिश सांसदों ने नकारा, फिर होगा ईयू से समझौते का प्रयास

इस मतदान का नतीजा कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। इससे हाउस ऑफ कॉमन्स के मत का तो पता चलता है लेकिन 29 मार्च की ब्रेक्जिट की तारीख से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 07:18 PM (IST)
बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट को ब्रिटिश सांसदों ने नकारा, फिर होगा ईयू से समझौते का प्रयास
बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट को ब्रिटिश सांसदों ने नकारा, फिर होगा ईयू से समझौते का प्रयास

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के सांसदों ने 'बिना समझौते' के अव्यवस्थित ब्रेक्जिट को खारिज कर दिया। साथ ही सांसदों ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने संबंधी समझौते पर फिर से बात करने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कोशिश का समर्थन किया है। मंगलवार को इस संबंध में प्रस्तावों पर मतदान हुआ।

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आयरिश बैकस्टॉप का विकल्प चाहते हैं सांसद

इस मतदान का नतीजा कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। इससे हाउस ऑफ कॉमन्स के मत का तो पता चलता है लेकिन 29 मार्च की ब्रेक्जिट की तारीख से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इससे ब्रिटिश सरकार के इस विचार को झटका जरूर लगा है कि ब्रिटेन 29 मार्च को बिना किसी समझौते के भी 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर होने को तैयार है। इसके कुछ देर बाद सांसदों ने सरकार समर्थित एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया जिसमें विवादास्पद 'आयरिश बैकस्टॉप' के 'वैकल्पिक समझौतों' की बात की गई है। 'आयरिश बैकस्टॉप' में ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कड़े नियंत्रण वाली और सुरक्षा बलों की तैनाती वाली सीमा (हार्ड बॉर्डर) की बात की गई है।

कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद कैरोलिन स्पेलमैन और लेबर पार्टी के सांसद जैक ड्रोमे ने बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट को रोकने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। वहीं सांसद ग्राहम ब्रेडी ने वह संशोधन संसद में रखा, जिसमें प्रधानमंत्री टेरीजा को ब्रेक्जिट समझौते को लेकर पुन: बातचीत करने और आयरिश बैकस्टॉप का रास्ता तलाशने को कहा गया है। इस संशोधन को 301 के मुकाबले 317 मतों का समर्थन मिला।

मतदान के बाद मे ने कहा, 'हम अब इस जनादेश को आगे लेकर जाएंगे व समझौते में कानूनी रूप से बाध्यकारी ऐसे बदलाव लाने की कोशिश करेंगे जो बैकस्टॉप संबंधी चिंताओं को दूर करें और उत्तरी आयरलैंड एवं आयरलैंड के बीच फिर से 'हार्ड बॉर्डर' स्थापित नहीं करने की गारंटी दें।'

18 महीने से चल रही चर्चा

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट को लेकर पिछले 18 महीने से चर्चा हो रही है। हालांकि समझौते को प्रभावी होने के लिए सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी। इसी महीने की शुरुआत में ब्रिटिश सांसदों ने प्रधानमंत्री टेरीजा मे के प्रस्ताव को 202 के मुकाबले 432 वोट से खारिज कर दिया था। प्रधानमंत्री मे ने कहा है कि सांसदों के मत को ध्यान में रखते हुए और ईयू से बात करके जल्द से जल्द नया समझौता संसद में रखा जाएगा।

ईयू समझौते पर फिर चर्चा को तैयार नहीं

यूरोपीय काउंसिल प्रेसीडेंट डोनाल्ड टस्क ने कहा कि ब्रिटेन और ईयू के सदस्यों के बीच हुए ब्रेक्जिट समझौते पर पुन: वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'बैकस्टॉप ब्रेक्जिट समझौते का हिस्सा है और इस पर दोबारा चर्चा नहीं होगी।' फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी किसी वार्ता की संभावना से इन्कार किया है। आयरलैंड की सरकार भी किसी बातचीत को तैयार नहीं है।

ब्रेक्जिट टलने के आसार भी नहीं

दूसरी ओर बिना किसी समझौते के ब्रेक्जिट पर आगे बढ़ने से ब्रिटेन को रोकने के लिए ब्रेक्जिट टलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। लेबर पार्टी के सांसद वेटे कूपर ने इस तरह का प्रस्ताव रखा था, लेकिन हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। ब्रिटेन 29 मार्च को ईयू से अलग होने की तैयारी में है। इस तारीख से पहले सभी पक्ष एक मान्य समझौते पर पहुंचने की कोशिश में हैं। ऐसा नहीं हो पाने पर ब्रिटेन बिना किसी समझौते के ही यूरोपीय संघ से बाहर हो सकता है।


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