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चार दशक बाद आज ईयू से पूरी तरह अलग हो जाएगा ब्रिटेन, संसद ने ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर लगाई मुहर

नए साल के साथ ही ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। लगभग चार दशक तक ईयू का हिस्सा रहा ब्रिटेन 31 दिसंबर को पूरी तरह से उससे अलग हो जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 11:27 PM (IST)
चार दशक बाद आज ईयू से पूरी तरह अलग हो जाएगा ब्रिटेन, संसद ने ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर लगाई मुहर
ऐतिहासिक ब्रेक्जिट व्यापार समझौते को ब्रिटेन की संसद के निचले सदन ने बुधवार को मंजूरी दे दी।

लंदन, रायटर। नए साल के साथ ही ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। लगभग चार दशक तक ईयू का हिस्सा रहा ब्रिटेन 31 दिसंबर को पूरी तरह से उससे अलग हो जाएगा। अलगाव के बाद दोनों पक्षों के बीच व्यापार को लेकर हुए ऐतिहासिक समझौते को ब्रिटेन की संसद के निचले सदन ने बुधवार को मंजूरी दे दी। दोनों पक्षों ने 24 दिसंबर को समझौता होने का एलान किया था।

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हाउस ऑफ कॉमंस में प्रस्ताव के पक्ष में 521 और विरोध में 73 वोट पड़े। उच्च सदन हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स में इस पर बहस होगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय संघ के नेताओं ने बुधवार को ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। ईयू से ब्रिटेन के अलग होने यानी ब्रेक्जिट के बाद दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों के निर्धारण को लेकर पिछले चार वर्षों से बातचीत चल रही थी।

ईयू और ब्रिटेन के बीच सालाना लगभग एक ट्रिलियन डॉलर (लगभग 74 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार होता है। संसद की विशेष बैठक में जॉनसन ने कहा, 'ब्रेक्जिट अंत नहीं, बल्कि एक शुरुआत है।' उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने के लिए ईयू के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट के बाद जो अधिकार हमें मिले हैं उसका बेहतर इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। 

बीते शनिवार को ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन यानी ईयू के साथ हुए व्यापार समझौते का मूलपाठ जारी कर दिया था। ईयू-यूके ट्रेड एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट शीर्षक वाला यह समझौता कुल 1,246 पन्नों का बताया जाता है। इस समझौते में दोनों पक्षों में परमाणु ऊर्जा, गोपनीय सूचनाओं को साझा करने और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण कार्यों के लिए इस्तेमाल करने पर सहमति बनी है।

समझौते के तहत एक जनवरी से दोनों पक्ष एक-दूसरे के क्षेत्र में शुल्क मुक्त और मात्रा मुक्त व्यापार करने के लिए स्वतंत्र होंगे। यही नहीं समुद्र में मछली पकड़ने के लिए साढ़े पांच साल तक पुरानी व्यवस्था भी कायम रहेगी। 


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