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Indo Pacific region: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ US का साथ देगा ब्रिटेन, PM जॉनसन ने रणनीति में किया बड़ा बदलाव

चीन के वैश्विक प्रभुत्व को कम कर ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन में जॉनसन सरकार ने शीत युद्ध की समाप्ति के बाद अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 08:14 AM (IST)
Indo Pacific region: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ US का साथ देगा ब्रिटेन, PM जॉनसन ने रणनीति में किया बड़ा बदलाव
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ अमेरिका का साथ देगा ब्रिटेन। फाइल फोटो।

लंदन, एजेंसी।  Indo Pacific region : चीन के वैश्विक प्रभुत्व को कम कर ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन में जॉनसन सरकार ने अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव किया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने विदेश नीति की प्राथमिकताओं से जुड़ा एक दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें इस कदम पर जोर दिया गया है। दस्तावेज में अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों की हिमायत की गई है।

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शीत युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन की रक्षा नीति की समीक्षा

वहीं ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक नाभिकीय शस्त्रागार में वृद्धि के साथ ही रूस को प्रमुख खतरे के तौर पर नामित किया गया है। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन की विदेश और रक्षा नीति की समीक्षा यह बताएगी कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहयोग और मुक्त व्यापार पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में किस तरह अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।  प्रस्तावित विदेश नीति में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को दुनिया भू-राजनीतिक केंद्र बताया गया है। इसी के साथ सरकार ने इस क्षेत्र में विमानवाहक पोत की तैनाती की भी योजना बनाई है।

बीजिंग के प्रभुत्‍व को कम करने के लिए उठाए गए कदम कम प्रभावी

विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब ने स्वीकार किया कि ब्रिटेन ने बीजिंग के प्रभाव को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए हैं, वह बहुत प्रभावी नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग करके इसे बेहतर बनाया है। रॉब ने टाइम्स रेडियो को बताया कि चीन के प्रभाव को कम करने के लिए ना केवल यूरोपीय और अमेरिकी देशों को साथ लाया जाएगा बल्कि दूसरे अन्य देशों की भी मदद ली जाएगी। यह भी कहा गया है कि पूर्व में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की स्थगित की गई भारत यात्रा इस वर्ष अप्रैल में होगी।

परमाणु हथियारों की सीमा 40 फीसद और बढ़ाने का निर्णय

2020 के मध्य में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने अपनी इस नीति को तोड़ दिया और परमाणु हथियारों की सीमा को 260 तक कर दिया। अब इस सीमा को फिर चालीस फीसद और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ब्रिटेन ने कहा है कि सुरक्षा समीक्षा में उसे जोखिम बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। कुछ देशों के प्रायोजित परमाणु आंतकवाद से निबटने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि अपनी और सहयोगियों की सुरक्षा को मजबूत किया जाए। ब्रिटेन ने कहा कि कुछ देश तेजी से परमाणु हथियार बढ़ाने और उसमें विविधता लाने में लगे हुए हैं।


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