ब्रिटेन के मार्केट में आया 24 वर्षों का सबसे बड़ा उछाल, लॉकडाउन में ढील के बाद खुले रेस्तरां और पब
एक आंकलन के अनुसार पब और रेस्तरां में सेवाएं बहाल होने के बाद ब्रिटेन की इकोनॉमिक ग्रोथ में पिछले 24 वर्षों का सबसे बड़ा उछाल देखा गया। गुरुवार को मिले आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के नियमों में ढील के बाद ब्रिटेन ने एक अच्छी शुरुआत की है।
लंदन, रॉयटर्स। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते हुए संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए विश्व में कई देशों ने पूर्ण लॉकडाउन का रास्ता अपनाया है। पूर्ण लॉकडाउन में सिर्फ जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी भी व्यक्ति को कहीं आने जाने की इजाजत नहीं दी गई, जिसका असर साफ तौर पर देखा गया। जहां भी लॉकडाउन और कोरोना से संबंधित नियमों का सख्ती के साथ पालन किया गया, वहां कोरोना अब दम तोड़ चुका है या काबू में है। ब्रिटेन में कई महिने के लॉकडाउन के बाद अब, रेस्तरां और पब को अपनी सेवाएं बहाल करने की इजाजत दे दी गई है।
एक आंकलन के अनुसार पब और रेस्तरां में सेवाएं बहाल होने के बाद ब्रिटेन की इकोनॉमिक ग्रोथ में पिछले 24 वर्षों का सबसे बड़ा उछाल देखा गया। गुरुवार को मिले आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के नियमों में ढील के बाद ब्रिटेन ने एक अच्छी शुरुआत की है। अगर ब्रिटेन के मार्केट की बात करें तो आईएचएस मार्किट/सीआईपीएस परचेजिंग मैनेजर्स का इंडेक्स मई के महिने में बढ़कर 62.9 हो गया, जो अप्रैल के महिने में 61.0 था। ये आंकड़ा मई 1997 के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर था। आईएचएस मार्किट के निदेशक, टिम मूर के मुताबिक, ' ताजा सर्वे के आंकड़े 2021 की दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी के अनुमान को साफ करते हैं।'
महामारी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी: बैंक ऑफ इंग्लैंड
पिछले दिनों ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक एंड डेवलपमेंट ने ऐसा अनुमान लगाया था की मौजूदा साल में ब्रिटेन किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश की तुलना में सबसे तेजी के साथ बढ़त करेगा। लेकिन पिछले साल ब्रिटेन को 300 सालों में मंदी के सबसे निचले स्तर पर देखा गया था। इसका मतलब ये है की ब्रिटेन को अपने सामान्य स्तर पर लौटने के लिए अमेरिका, जर्मनी और जापान की तुलना में ज्यादा वक्त लगेगा। वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद बाजारों में तेज उछाल से विकास और मुद्रास्फीति दोनों की ही मिड-टर्म संभावनाओं के बारे में अनुमान लगाने में आसानी होगी। जिससे उम्मीद है की महामारी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।