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हांगकांग के उच्चतम न्यायालय से अपने जजों को वापस बुलाने पर विचार कर रहा ब्रिटेन

ब्रिटेन ने हांगकांग पर 150 वर्षो तक शासन किया है और 1997 में इसको एक समझौते के तहत चीन को सौंपा था। चीन ने नागरिक अधिकारों का हनन करने वाले नए सुरक्षा कानून को इस साल जून में लागू किया है। तभी से ब्रिटेन से तनातनी चल रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:08 PM (IST)
हांगकांग के उच्चतम न्यायालय से अपने जजों को वापस बुलाने पर विचार कर रहा ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब की फाइल फोटो

लंदन, रायटर। ब्रिटेन हांगकांग के उच्चतम न्यायालय से अपने जजों को वापस बुलाने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब ने दी है। उन्होंने बताया कि चीन हांगकांग में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निरंतर उल्लंघन कर रहा है। इसीलिए इस निर्णय पर विचार किया जा रहा है। विदेश सचिव ने बताया कि उन्होंने ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष लॉर्ड रीड से इस संबंध में विचार विमर्श किया है।

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उल्लेखनीय है कि 13 विदेशी जज गैर-स्थाई जजों के तौर पर हांगकांग की शीर्ष अदालत में नियुक्त हैं।

हांगकांग की नेता कैरी लेम विदेशी जजों के नियुक्त रहने के कारण न्यायिक स्वतंत्रता पर निरंतर टिप्पणी करती रही हैं।

ब्रिटेन ने हांगकांग पर 150 वर्षो तक शासन किया है और 1997 में इसको एक समझौते के तहत चीन को सौंपा था। चीन ने नागरिक अधिकारों का हनन करने वाले नए सुरक्षा कानून को इस साल जून में लागू किया है। तभी से ब्रिटेन से तनातनी चल रही है।

हांगकाग में चार लोकतंत्र समर्थक नेताओं को किया गया था अयोग्य

वहीं, दूसरी ओर कुछ दिन पहले ही हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक चार सांसदों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। चीन ने हांगकांग सरकार को इन चारों सांसदों अयोग्य ठहराने के लिए एक प्रस्ताव दिया था और उसमें इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया था।


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