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ब्रिटेन में फरवरी के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मामले, डब्ल्यूएचओ ने यूरोप को डेल्टा वैरिएंट के खतरे से किया आगाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन यूरोप के निदेशक डा. हेंस क्लूज ने यूरोपीय देशों को डेल्टा वैरिएंट को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट की चपेट में यूरोप का अधिकांश क्षेत्र है और जरूरी नहीं कि इस वैरिएंट पर सभी वैक्सीन कारगर हो जाएं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:55 PM (IST)
ब्रिटेन में फरवरी के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मामले, डब्ल्यूएचओ ने यूरोप को डेल्टा वैरिएंट के खतरे से किया आगाह
डब्ल्यूएचओ ने यूरोप देशों के लिए यात्रा के संबंध में जारी की चेतावनी

लंदन, एजेंसियां। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ गए हैं और कुछ महीनों से चल रही राहत के बाद अब चिंता बढ़ गई है। डब्ल्यूएचओ ने भी यूरोपीय देशों को डेल्टा वैरिएंट के प्रति सावधान किया है। ब्रिटेन में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 7540 नए मामले आए हैं। यह संख्या फरवरी के अंतिम सप्ताह के बाद सबसे ज्यादा है। यहां मरने वालों की संख्या एक लाख 27 हजार से ज्यादा हो गई है। कुल मरीजों की संख्या लगभग 45 लाख है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन यूरोप के निदेशक डा. हेंस क्लूज ने यूरोपीय देशों को डेल्टा वैरिएंट को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट की चपेट में यूरोप का अधिकांश क्षेत्र है और जरूरी नहीं कि इस वैरिएंट पर सभी वैक्सीन कारगर हो जाएं। डब्ल्यूएचओ ने गर्मियों की छुट्टियों में यात्रा करने के संबंध में भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हाल के हफ्तों में बेशक संक्रमण की दर में कमी आई है, लेकिन यात्रा पूरी तरह से खतरे से बाहर नहीं है। आने वाले दिनों में सामाजिक समारोह, बड़ी आबादी की आवाजाही और त्योहारों को लेकर सचेत रहना होगा।

कोरोना महामारी से जुड़े प्रमुख बिंदु

फ्रांस : कोरोना के मामले कम होने के कारण पाबंदियों में और ढील दे दी गई है। अब रेस्तरां पूरी क्षमता के साथ चलाए जा सकेंगे। 

श्रीलंका : सरकार ने घोषणा की है कि वह 2022 के पहले सभी नागरिकों को टीके लगा देगा।

सिंगापुर : कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद ढील दिए जाने पर विचार किया जा रहा है।

टोक्यो ओलंपिक को देखते हुए जापान में टीकाकरण तेज

जापान में अगले महीने होने जा रहे टोक्यो ओलंपिक को देखते हुए टीकाकरण की गति तेज कर दी गई है। शनिवार से यहां 65 साल से नीचे के लोगों के लिए टीका लगाने का काम वृहद स्तर पर शुरू किया जा रहा है। जापान ने फरवरी में स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गो में टीका लगाना शुरू कर दिया था। यहां टीकाकरण की गति अन्य औद्योगिक देशों की तुलना में धीमी है।


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