कोरोना से बचाव के लिए 'मर्क' की दवा को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश ब्रिटेन
ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने मर्क कंपनी की दवा मोलनुपिराविर (molnupiravir) के इस्तेमाल को लेकर सुझाव दिया है कि हल्के और अधिक संक्रमण के उपचार के लिए इसे मरीजों को दिया जा सकता है।
लंदन, रायटर्स। दवा निर्माता कंपनी मर्क (Merck) की कोरोना रोधी दवा को ब्रिटेन ने गुरुवार को अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही इस दवा को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश ब्रिटेन बन गया। इस दवा को संयुक्त तौर पर अमेरिका की मर्क (Merck & Co Inc) और रिजबैग बायोथेराप्यूटिक्स (Ridgeback Biotherapeutics) ने विकसित किया है। ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने इस दवा मोलनुपिराविर (molnupiravir) के इस्तेमाल को लेकर सुझाव दिया है कि हल्के और अधिक संक्रमण के उपचार के लिए इसे मरीजों को दिया जा सकता है।
एजेंसी का कहना है कि जैसे ही कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट के नतीजे पाजिटिव आएं तभी यह दवा शुरू कर देनी चाहिए। इस दवा पर विचार करने के लिए 30 नवंबर को अमेरिकी सलाहकारों की बैठक होगी। इसमें दवा की सुरक्षा और इसके प्रभावी होने की समीक्षा की जाएगी। ब्रिटेन में इस दवा को लागेव्रायो ( Lagevrio) के नाम से लाया गया है।
पिछले माह मर्क ने अमेरिकी औषधि नियामक एफडीए (Food and Drug Administration, FDA) से कोविड-19 रोधी दवा के लिए मान्यता की मांग की थी। एफडीए से मंजूरी मिल जाने के बाद यह कोरोना से बचाव की पहली दवा होगी। एफडीए ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ अब तक जिन उपचारों को मंजूरी दी है उसमें इंजेक्शन देने की जरूरत होती है। मर्क के CEO अध्यक्ष रॉबर्ट एम डेविस ने पिछले माह कहा था, 'इसके अच्छे परिणामों के साथ हम आशावादी हैं कि कोरोना महामारी से लड़ने के वैश्विक प्रयास के हिस्से के रूप में मोलनुपिरावीर एक महत्वपूर्ण दवा बन सकती है।'
सिंगापुर और अमेरिका ने कोविड की रोकथाम के लिए सख्त नियमों को लागू करने का फैसला किया है।
इस दवा का तीसरे चरण का परीक्षण अमेरिका, ब्राजील, इटली, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान और ग्वाटेमाला सहित देशों में 170 से अधिक साइटों पर किया गया। मोलनुपिरावीर को SARS-CoV-2 के कई प्रीक्लिनिकल माडल में भी सक्रिय दिखाया गया है। जिसमें प्रोफिलैक्सिस, उपचार और संचरण की रोकथाम शामिल है।