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यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन में व्यापार समझौता, 11 महीने बाद रिश्ता बनाए रखने पर बनी सहमति

यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते को लेकर करीब 11 महीने चली वार्ता के बाद यह सहमति बनी है। जनवरी में ईयू से अलगाव के बाद से ब्रिटेन देशवार मुक्त व्यापार समझौता करने के प्रयास कर रहा था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 09:19 AM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 09:19 AM (IST)
यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन में व्यापार समझौता, 11 महीने बाद रिश्ता बनाए रखने पर बनी सहमति
31 दिसंबर को खत्म होगा ईयू और ब्रिटेन का व्यापार समझौता।

ब्रसेल्स, रायटर। 31 दिसंबर करीब है, यूरोपीय यूनियन (ईयू) और ब्रिटेन का व्यापार समझौता खत्म होने की यह आखिरी तारीख थी। लेकिन इससे पहले भारतीय समयानुसार बुधवार मध्य रात्रि में आशंकाओं को दरकिनार करते हुए दोनों पक्षों में भविष्य के लिए व्यापार समझौता हो गया। करीब 11 महीने चली वार्ता के बाद यह समझौता हुआ है। दुनिया के सबसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र में हुए इस समझौते से दोनों पक्षों के लाखों करोड़ डूबने की आशंका खत्म हो गई है।

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जनवरी में ईयू से ब्रिटेन के अलगाव (ब्रेक्जिट) के बाद दोनों पक्षों को एक जनवरी, 2021 से लागू होने वाला व्यापार समझौता करना था। लेकिन दोनों ही अपनी-अपनी शर्तो पर अड़े हुए थे। इसके चलते 31 दिसंबर के नजदीक आते-आते दोनों में समझौते की संभावना क्षीण पड़ गईं थीं। लेकिन राहत की बात यह रही कि समझौते के लिए प्रयास जारी रहे और उम्मीदें बनी रहीं। समझौते से कुछ घंटे पहले ईयू के वरिष्ठ राजनयिक ने कहा था कि उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं। लेकिन ब्रिटेन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई थी।

जनवरी में ईयू से अलगाव के बाद से ब्रिटेन देशवार मुक्त व्यापार समझौता करने के प्रयास कर रहा था। वह किसी बड़े समूह से बेहतर एक-एक देश से स्थितियों के मुताबिक समझौता करना चाह रहा था। जबकि ईयू उसके साथ संयुक्त रूप से समझौता करना चाह रहा था। समझौता न होने की स्थिति में दोनों पक्षों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता था, लाखों नौकरियां जा सकती थीं। कोरोना काल में इतना बड़ा खतरा उठाने की स्थिति में दोनों में से कोई नहीं था, इसी वजह से थोड़ा-थोड़ा झुकते हुए दोनों पक्षों ने समझौता किया। समझौते का विस्तृत विवरण आने में कुछ समय लग सकता है। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध का मुद्दा समुद्र में मछली पकड़ने का अधिकार था। अभी तक ईयू के देश बिना रोकटोक के ब्रिटेन की जलसीमा में आकर मछलियां पकड़ते थे। लेकिन अब ब्रिटेन इसके लिए तैयार नहीं है। माना जा रहा था कि इस मसले को अलग रखकर भी कोई समझौता हो सकता है।


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