ब्रेक्जिट समझौते पर यूरोपीय यूनियन की मुहर, अलग होने से ब्रिटेन बस एक कदम दूर
ब्रिटेन के अलगाव के रास्ते में ब्रिटिश संसद ही बाधा रह गई है। अगर इस समझौते को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो अगले साल 29 मार्च को ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा।
लंदन/ब्रसेल्स, प्रेट्र। यूरोपीय यूनियन (ईयू) के नेताओं ने ब्रेक्जिट समझौते पर मुहर लगा दी। अब 28 सदस्यीय ईयू से ब्रिटेन के अलगाव के रास्ते में ब्रिटिश संसद ही बाधा रह गई है। अगर इस समझौते को ब्रिटेन की संसद की मंजूरी मिल जाती है तो अगले साल 29 मार्च को ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने समझौते को देश के हित में बताते हुए 'राष्ट्र के नाम पत्र' लिखा है, जिसमें उन्होंने लोगों से भावुक अपील की है।
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में ब्रेक्जिट समझौते पर विचार करने के लिए रविवार को ईयू के शेष 27 सदस्य देशों के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में ब्रेक्जिट यानी ईयू से ब्रिटेन के अलग होने के समझौते को मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ट्वीट किया, 'ईयू-यूके के भावी संबंधों पर निकासी समझौते और राजनीतिक घोषणापत्र का ईयू27 ने समर्थन किया है।'
अब संसद की मंजूरी का इंतजार
ब्रेक्जिट समझौते को अब ब्रिटिश संसद से मंजूरी मिलनी बाकी है। माना जा रहा है कि दिसंबर में ब्रिटेन की संसद में इस पर मतदान हो सकता है। प्रधानमंत्री मे के लिए समझौते को संसद में पास करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसको लेकर ब्रिटेन में सियासी घमासान मचा है।
मे के कई मंत्रियों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया है। इन मंत्रियों के साथ ही उनकी कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सदस्यों के साथ ही उनकी सरकार को समर्थन दे रही उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) ने समझौते के विरोध में मतदान करने का एलान किया है। लेबर पार्टी समेत विपक्षी दल तो बिल के विरोध में हैं ही।
पीएम मे की भावुक अपील
प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने समझौते के समर्थन के लिए देशवासियों से भावुक अपील की है। राष्ट्र के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि समझौते को संसद में पारित कराने और उसे आखिरी अंजाम तक पहुंचाने के लिए वह अपने दिल और आत्मा से अभियान चलाती रहेंगी। उन्होंने समझौते को यूनाइडेट किंग्डम और देश के सभी लोगों के लिए बेहतरीन भी बताया है।