UK Political Crisis: इस्तीफा देने के बाद बोरिस जानसन ने खुद बताया आखिर कब तक बने रहेंगे वो पीएम पद पर
UK Political Crisis पार्टीगेट और निकट सहयोगी क्रिस पिंचर पर लगे यौन दुराचार के आरोपों की अनदेखी को लेकर जानसन अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे थे। मंगलवार को वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सबसे पहले त्यागपत्र दिया था।
लंदन, एजेंसियां। ब्रिटेन की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चल रहे नाटकीय घटनाक्रम का गुरुवार को उस समय अंत हो गया जब प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने त्यागपत्र देने की घोषणा की। दो दिन के भीतर 50 से ज्यादा मंत्रियों और सहयोगियों के इस्तीफे से जानसन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था। हालांकि, वह कंजरवेटिव पार्टी के नेता और अपने उत्तराधिकारी के चुनाव तक पद पर बने रहेंगे।
पार्टीगेट और निकट सहयोगी क्रिस पिंचर पर लगे यौन दुराचार के आरोपों की अनदेखी को लेकर जानसन अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे थे। मंगलवार को वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सबसे पहले त्यागपत्र दिया था। इसके बाद तो मंत्रियों और सहयोगियों के इस्तीफों की झड़ी लग गई थी।
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार पद छोड़ने की घोषणा करने के बाद अपने सरकारी कार्यालय सह आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर मीडिया से बातचीत में जानसन ने कहा कि नए नेता के चुनाव तक वह पद पर बने रहेंगे। माना जा रहा है कि अक्टूबर में होने वाले कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन में नए नेता का चुनाव होगा। तीन साल तक सत्ता में रहे जानसन ने कहा कि उन्हें दुनिया का सबसे अच्छा काम छोड़ने का बहुत दुख है।
हालांकि, जानसन को तुरंत पद से हटाने और कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने की मांग तेज हो गई है। कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री जान मेजर ने भी कहा है कि देशहित में जानसन का तुरंत पद छोड़ना ही सही है।
क्यों बना था जानसन पर पद छोड़ने का दबाव
जानसन कोरोना लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर पार्टी करने को लेकर विवाद में आए थे। इसे पार्टीगेट नाम दिया गया था। इसको लेकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया गया था। हालांकि, इसमें उनकी कुर्सी बच गई थी। लेकिन अपने निकट सहयोगी क्रिस पिंचर पर लगे यौन दुराचार के आरोपों की अनदेखी कर उन्हें डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त करने पर पार्टी में उनका विरोध बढ़ गया था। बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी, लेकिन विरोध थमा नहीं और उन्हें पद छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।
कौन-कौन नेता पीएम पद की रेस में
-ऋषि सुनक : दो दिन पहले वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। भारतीय मूल के हैं। भारत के प्रमुख उद्यमी और इन्फोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
- प्रीति पटेल : भारतीय मूल की प्रीति पटेल फिलहाल जानसन सरकार में गृह मंत्री हैं। वह कंजरवेटिव पार्टी के उन नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने जानसन से पद छोड़ने को कहा था।
- सुएला ब्रेवरमैन : भारतीय (गोवा) मूल की हैं। जानसन कैबिनेट में अटार्नी जनरल हैं। उन्होंने पीएम पद के लिए चुनाव लड़ने का औपचारिक एलान भी किया है।
- स्टीव बैकर : यूरोप य संघ से ब्रिटेन के अलग होने के कट्टर समर्थक रहे हैं। वह कंजरवेटिव पार्टी के प्रभावशाली नेताओं में हैं।
- बेन वैलेस : रक्षा मंत्री वैलेस भी प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद का नाम भी नए पीएम के रूप में चर्चा में हैं।
विपक्ष ने जानसन के इस्तीफे का स्वागत किया
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारमर ने जानसन के इस्तीफे को देश के लिए अच्छी खबर बताया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। जानसन हमेशा ही इस पद के लिए अयोग्य थे।
सबसे कम समय तक पद पर रहने वाले ब्रिटिश प्रधानमंत्री
नाम, पद ग्रहण का वर्ष, कार्यकाल (दिन में)
सर एलेक डगलस होम, 1963, 363
सर एंथनी इडेन, 1955, 645
गार्डन ब्राउन, 2007, 1049
बोरिस जानसन, 2019, 1080
टेरीजा मे, 2016, 1106
जेम्स कालान, 1976, 1124
एडवर्ड हीथ, 1970, 1355