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फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं एंटीबायोटिक दवाएं, जानिए और क्या कहता है ये शोध

अध्ययन के मुताबिक मरीजों में सेप्पिस व अन्य जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं देने से आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली में रुकावट आ जाती है। इससे कैंडिडिआसिस नामक एक जानलेवा फंगल इन्फेक्शन विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 07:15 PM (IST)
फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं एंटीबायोटिक दवाएं, जानिए और क्या कहता है ये शोध
सेल होस्ट एंड माइक्रोब नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है अध्ययन

लंदन, आइएएनएस। ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय व अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में चेताया गया है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों में बैक्टीरिया संक्रमण रोकने के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं जानलेवा फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं।

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एंटीबायोटिक दवाएं देने से आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली में आ जाती है रुकावट

अध्ययन के मुताबिक, मरीजों में सेप्पिस व अन्य जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं देने से आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली में रुकावट आ जाती है। इससे कैंडिडिआसिस नामक एक जानलेवा फंगल इन्फेक्शन विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

सेल होस्ट एंड माइक्रोब नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली दवाओं की क्षमता के परीक्षण की भी बात कही गई है।

एंटीबायोटिक्स फंगल इन्फेक्शन को बना देते हैं बदतर

अध्ययन के प्रमुख लेखक व बर्मिंघम स्थित फंगल इम्यूनोलाजिस्ट डा रेबेका ड्रमंड के अनुसार, 'हम जानते थे कि एंटीबायोटिक्स फंगल इन्फेक्शन को बदतर बना देते हैं, लेकिन यह खोज आश्चर्यजनक थी कि आंत में अंत:क्रियाओं के माध्यम से जीवाणु के साथ अन्य संक्रमण भी विकसित हो सकते हैं।'

वर्ष 2019 में दुनियाभर में करीब 12 लाख लोगों की एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों के कारण मौत हो चुकी है। यह संख्या वर्ष 2050 तक 10 गुना होने की आशंका है। 

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