एक नए अध्ययन से चला पता, बच्चों और युवाओं में कोरोना के गंभीर होने का खतरा कम
शोधकर्ताओं की टीम ने गत 17 जनवरी से तीन जुलाई के दौरान इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती किए गए 651 बच्चों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
लंदन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (COVID-19) से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है। यह खतरनाक वायरस पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। सामान्य वयस्कों के लिए भी यह घातक साबित हो रहा है, लेकिन बच्चों और युवाओं में इसका कम खतरा पाए जाने का दावा किया जाता है। एक नए अध्ययन में भी यह बात सामने आई है। इसका कहना है कि वयस्कों की तुलना में बच्चों और युवा लोगों में कोरोना के गंभीर होने का खतरा कम पाया गया है। इनमें कोरोना से मौत का जोखिम भी निम्न है।
बीएमजे पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हालांकि अश्वेत बच्चों में कोरोना संक्रमण का गंभीर प्रभाव पाया गया है। ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा, 'दुनियाभर में कोरोना की चपेट में आए लोगों में बच्चे और युवा महज एक-दो फीसद हैं। ज्यादातर बच्चे मामूली तौर पर संक्रमित या बिना लक्षण वाले पाए गए हैं।'
651 बच्चों में किया गया शोध
शोधकर्ताओं की टीम ने गत 17 जनवरी से तीन जुलाई के दौरान इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती किए गए 651 बच्चों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने अस्पतालों में भर्ती किए गए बच्चों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने के मामले बेहद कम पाए। जबकि पीडीऐट्रिक्स पत्रिका में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन का दावा है कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण के प्रसार में बच्चों की अहम भूमिका होती है।
कम नहीं हो रहा कोरोना का संक्रमण
दुनियाभर में तेजी से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के 2 करोड़ 43 लाख मामले हो गए हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह वैश्विक कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 24.3 मिलियन यानी की 2 करोड़ 43 लाख हो गई है। इसी के साथ कोरोना के कारण अब तक 829,000 लोगों की मौत हो गई हैं। शुक्रवार की सुबह, कुल मामलों की संख्या 24,356,619 हो गई है और मृत्यु दर बढ़कर 829,861 हो गई।