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Cancer Quisinostat Drug: दोबारा कैंसर होने से बचाएगी क्विसिनोस्टैट नामक दवा

Cancer Quisinostat Drug शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा का पता लगाया है जो व्यक्ति में कैंसर की पुरावृत्ति यानी उसे दोबारा कैंसर नहीं होने देगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 09:21 AM (IST)
Cancer Quisinostat Drug: दोबारा कैंसर होने से बचाएगी क्विसिनोस्टैट नामक दवा
Cancer Quisinostat Drug: दोबारा कैंसर होने से बचाएगी क्विसिनोस्टैट नामक दवा

लंदन, प्रेट्र। Cancer Quisinostat Drug: कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसके एक बार ठीक होने के बाद दोबारा होने का खतरा बना रहता है। दरअसल, ऐसा प्रभावित व्यक्ति के जीन में गड़बड़ी और उसकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होने के कारण होता है। लेकिन अब शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा का पता लगाया है जो व्यक्ति में कैंसर की पुरावृत्ति यानी उसे दोबारा कैंसर नहीं होने देगी। चूहों पर अध्ययन कर शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।

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ब्रिटेन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के अनुसार, कैंसर अनुसंधान में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक चुनौती उन मरीजों में कैंसर को रोकना है, जिनका पहले से ही इलाज चल रहा है। कैंसर मरीजों में ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें रोगी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा कैंसर की गिरफ्त में आ जाता है। उन्होंने कहा कि इसका एक कारण यह है कि इलाज के दौरान मरीजों में कुछ कैंसर कोशिकाएं जीवित रह जाना भी है। ये कोशिकाएं एक नए ट्यूमर में विकसित होने में सक्षम होती हैं। यदि ऐसी कोशिकाएं ट्यूमर निकालने के दौरान छूट जाती हैं तो कुछ सालों बाद वे फिर सिर उठाना शुरू करती हैं और मरीज को बीमार कर देते हैं। इसीलिए कैंसर मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं।

जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि क्विसिनोस्टैट नामक दवा चूहों में प्रारंभिक उपचार के बाद ट्यूमर के पुन:विकास को रोक में कारगर पाई गई। साथ ही, यह जीवित कैंसर कोशिकाओं के विस्तार को रोक सकती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह दवा ट्यूमर कोशिकाओं के भीतर हिस्टोन एच 1.0 नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने का काम कर करती है। उन्होंने कहा कि यह प्रोटीन कैंसर की कोशिकाओं की प्रतिकृति बनने से रोकता है और ट्यूमर बढ़ने से रोकता है।

रुक जाता है कैंसर कोशिकाओं का विकास : जब शोधकर्ताओं की टीम ने चूहों के ट्यूमर पर दवा का परीक्षण किया तो पाया कि इसने ट्यूमर के विकास को रोक दिया था। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने जब इस दवा का परीक्षण स्तन, फेफड़े और अग्नाशय के कैंसर के रोगियों से ली गई कोशिकाओं पर किया गया तो उन्होंने पाया कि कैंसर की कोशिकाएं गैर-विभाजित अवस्था में फंस गई थीं यानी उनका विकास अवरुद्ध हो गया था।

शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि यदि आगामी  नैदानिक परीक्षणों में यह दवा कारगर साबित होती है तो इस दवा को उपचार के बाद रोगियों को दिया जा सकता है ताकि मरीजों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके। बता दें कि पूरे विश्व में हर साल कैंसर से हजारों लोगों की जान चली जाती है।

ब्रेस्ट कैंसर है खतरनाक : एक अन्य अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया था कि दोबारा कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा (ब्रेस्ट) स्तन कैंसर में होता है। इम्यूनिटी का कमजोर होना इसका एक प्रमुख कारण है। इलाज के दौरान रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से भी हमारी इम्यूनिटी प्रभावित होती है। वहीं, दूसरी ओर कुछ शोधकर्ताओं का अनुमान है कि जीन में गड़बड़ी के कारण के कैंसर होने की आशंका करीब 70 फीसद रहती है।


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