UK summer strike: ब्रिटेन में ठहर गए ट्रेन के पहिए, हजारों रेल कर्मचरियों ने किया हड़ताल, जानें पूरा मामला
अगले सप्ताह भी ब्रिटेन में ट्रेन बस और मेट्रो सेवाएं प्रभावित रह सकती है। कर्माचारियों की हड़ताल पर जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है काम करने का तरीका नौकरी की सुरक्षा है। बता दें कि ब्रिटिश रेलवे के पुराने नियमों से कर्मचारी परेशान हैं।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हजारों रेल कर्मचारियों ने शनिवार को हड़ताल पर जाने का फैसला किया। नौकरियों, वेतन और शर्तों सहित खराब सेवाओं से नाराजगी जाहिर करते हुए हजारों ट्रेन चालक हड़ताल पर चले गए। बढ़ती महंगाई की वजह से वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर कर्मचारियों ने काम न करने का फैसला किया। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, एसोसिएटेड सोसाइटी ऑफ लोकोमोटिव इंजीनियर्स और फायरमैन के सदस्यों द्वारा 24 घंटे की हड़ताल की वजह से लंदन और स्कॉटलैंड के बीच मुख्य रेल लाइनों सहित प्रमुख मार्गों पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। हड़ताल की वजह से कई लोगों को वीकैंड का प्लान सहित कई आवश्यक योजनाओं को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
कोरोना महामारी से पहले 12 महीनों में 1700 करोड़ लोगों ने रेल यात्रा की
गौरतलब है कि अगले सप्ताह भी ब्रिटेन में ट्रेन, बस और मेट्रो सेवाएं प्रभावित रह सकती है। कर्माचारियों की हड़ताल पर जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है काम करने का तरीका, नौकरी की सुरक्षा है। बता दें कि ब्रिटिश रेलवे के पुराने नियमों से कर्मचारी परेशान हैं। ब्रिटेन में पिछले एक साल में लगभग 100 करोड़ ट्रेन यात्रियों ने यात्रा की। वहीं, महामारी से पहले 12 महीनों में 1700 करोड़ लोगों ने रेल यात्रा की है। गौरतलब है कि रेल कंपनी स्टाफ में कटौती करने की कोशिश में जुटी है। बता दें कि महंगाई और जीवन व्यापन करने में आ रही तकलीफों की वजह से ब्रिटेन में कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कर्मचारी हड़ताल की योजना बना रहे हैं। डाक कर्मचारी, वकील, ब्रिटिश टेलीकॉम कर्मचारी, डॉक कर्मचारी और कचरा संग्रहकर्ता जैसे क्षेत्रों के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की वकालत की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी महंगाई बढ़ी
ब्रिटेन की मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चतम 9.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि इस साल के अंत में मुद्रास्फीति दर 13 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। साल 2022 में अब तक ब्रिटेन का औसत घरेलू ईंधन बिल 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। इसके पीछे यूक्रेन-रूस की वजह से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की कमी भी एक बड़ी वजह है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अक्टूबर महीने में भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। औसत बिल प्रति वर्ष 3,500 पाउंड (4,300 अमरीकी डालर) तक पहुंच सकता है।