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Afghanistan: बच्चों के जन्म के समय सबसे अधिक मर रहीं अफगानी महिलाएं, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मातृ मुत्यु सबसे अधिक

Afghanistan एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अफगानिस्तान में प्रति एक लाख जन्म पर 638 माताओं की मौत हुई है। देश में हर महीने करीब 24 हजार महिलाएं बच्चे पैदा करती है। तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान को विकास सहायता चार्ट से बाहर कर दिया गया है।

By Aditi ChoudharyEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 05:55 PM (IST)
Afghanistan: बच्चों के जन्म के समय सबसे अधिक मर रहीं अफगानी महिलाएं, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मातृ मुत्यु सबसे अधिक
Afghanistan- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अफगानिस्तान में मातृ मुत्यु सबसे अधिक

काबुल, एजेंसी। Afghanistan: अफगानिस्तान में प्रसव के दौरान मरने वाली माताओं की मौत की संख्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों की तुलना में सबसे अधिक है। विशेषज्ञों की मानें तो साल 2025 तक तालिबानी शासित अफगानिस्तान में 51 हजार मातृ मृत्यु की संभावना है। बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और बढ़ती गरीबी ने अफगानिस्तान की स्थिति बद्तर कर दिया और महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं।

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बता दें कि मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख जन्म पर प्रजनन या गर्भावस्था की जटिलताओं के चलते होने वाली माताओं की मृत्यु को कहा जाता है। आंकड़ों की मानें तो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अफगानिस्तान में प्रति एक लाख जन्म पर 638 माताओं की मौत हुई है।

अफगानिस्तान के सुदूर क्षेत्रों में करीब 24 हजार महिलाएं हर महीने बच्चे पैदा करती है। इन क्षेत्रों में तत्काल प्रशिक्षित नर्सों और दाइयों की बहाली जरूरी है। खामा प्रेस की मानें तो अफगानिस्तान में 2018 में 100,000 जीवित जन्मों में 396 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो गई, जो इसके पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम थी। वहीं, 2022 में यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो चुकी है।

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन से पहले देश को चिकित्सा क्षेत्र के लिए सालाना 1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक रुपये सहायता के तौर पर मिल रहे थे। मगर पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जा के बाद इस देश को विकास सहायता चार्ट से बाहर हो गई।

बता दें कि मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान भूख, बेरोजगारी और गरीबी की समस्या से जूझ रहा है। देश में मानवीय संकट विश्व के सबसे निचले स्तर पर है। 2005 के बाद से अफगानिस्तान में किसी भी देश के लिए उच्चतम स्तर की पीड़ा है। राजधानी काबुल में आर्थिक संकट ने घोर गरीबी को बढ़ावा दिया है।

विश्लेषकों के अनुसार, अफगानिस्तान में गरीबी में लगातार हो रही वृद्धि का मुख्य कारण राजनीतिक सत्ता परिवर्तन है। इसके अलावा, देश में तालिबानी शासन के खौफ से कई निजी व्यवसायों ने काम करना बंद कर दिया जिससे यहां आर्थिक संकट और भी अधिक प्रभावित हुई है।


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