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सलमान रुश्दी की हालत चिंताजनक; कई अंगों को नुकसान, पूछताछ से आया सामने- हमलावर हादी शिया अतिवाद से प्रभावित

अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान हमले में घायल हुए भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी (75) की हालत चिंताजनक बनी हुई है। चिकित्‍सकों के मुताबिक सलमान रुश्दी की हालत में बीते 24 घंटों में सुधार नहीं हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 10:03 PM (IST)
सलमान रुश्दी की हालत चिंताजनक; कई अंगों को नुकसान, पूछताछ से आया सामने- हमलावर हादी शिया अतिवाद से प्रभावित
सलमान रुश्दी का पेनसिल्वेनिया के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

न्यूयार्क, एजेंसी। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान हमले में घायल हुए भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी (75) पेनसिल्वेनिया के अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। चाकू के ताबड़तोड़ प्रहारों से बुरी तरह घायल रुश्दी की स्थिति में बीते 24 घंटों में सुधार नहीं हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक हमले में उनकी गर्दन और बाएं हाथ की कई नसें कट गई हैं। एक आंख भी जख्मी हुई है, उसकी रोशनी जाने का खतरा है। चाकू के प्रहार से लिवर को भी नुकसान हुआ है।

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  • अमेरिका के अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं भारतीय मूल के लेखक
  • एक आंख की रोशनी जाने का अंदेशा, लिवर में भी घाव
  • एजेंट ने कहा, लेखक के स्वास्थ्य की खबर अच्छी नहीं
  • हमलावर युवक हादी शिया अतिवाद से है प्रभावित
  • इंटरनेट मीडिया अकाउंट में मिली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की जानकारी
  • घटनास्थल की सुरक्षा में हुई ढिलाई का हमलावर को मिला लाभ

हालत चिंताजनक 

रुश्दी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। उनके एजेंट एंड्रयू विली ने कहा, रुश्दी के स्वास्थ्य की खबर अच्छी नहीं है। 1988 में लिखे उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आए रुश्दी पर न्यूयार्क के बाहरी इलाके में शुक्रवार को हादी मतर (24) नाम के युवक ने चाकू से हमला किया था।

अकेले आया था हमलावर 

हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वह अमेरिका के न्यूजर्सी प्रांत के फेयरव्यू शहर का रहने वाला है। उसकी नागरिकता को लेकर असमंजस है। पुलिस और एफबीआइ उससे पूछताछ करके मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि हादी कार्यक्रम स्थल चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में अकेले ही आया था।

हमले के उद्देश्‍य को लेकर हो रही छानबीन 

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जरूरी पास उससे बरामद हुआ है। संस्थान की उदारवादी नीति के चलते आगंतुकों की सुरक्षा जांच नहीं की गई। इसके चलते हादी चाकू लेकर सभागार में पहुंचने में सफल हो गया और मौका मिलते ही उसने मंच पर जाकर रुश्दी पर हमला कर दिया। हमले का उद्देश्य अभी पता नहीं लगा है।

शिया अतिवाद से प्रभावित

हादी का इंटरनेट मीडिया अकाउंट खंगालने पर जांचकर्ताओं को उसके शिया अतिवाद से प्रभावित होने का पता चला है। वह ईरान के खास सुरक्षा बल इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड की कार्यप्रणाली में रुचि रखता था। रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख रहे कासिम सुलेमानी के फोटो भी हादी के मोबाइल फोन में मिले हैं। पुलिस को हादी के पास से कुछ इलेक्ट्रानिक डिवाइस मिले हैं, उनको भी खंगाला जा रहा है।

घोषित था 30 लाख डालर का इनाम

द सैटेनिक वर्सेस रुश्दी का लिखा चौथा उपन्यास था जिसके कारण उन्हें लगातार धमकियां मिलीं और उन्हें करीब नौ साल गुमनामी के काटने पड़े। एक समय ईरान सरकार ने रुश्दी की हत्या के लिए 30 लाख डालर का इनाम भी घोषित किया था।

सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो गए थे रुश्‍दी

समय बीतने के साथ माना गया कि उपन्यास में इस्लाम के खिलाफ लिखी बातों को कट्टरपंथी भूल चुके हैं। इसी के चलते अमेरिका पहुंचे रुश्दी सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो गए और उसी का फायदा उठाकर हादी उनके नजदीक पहुंचकर हमला करने में सफल हो गया। हमले के समय एक गैर सरकारी संगठन के संचालक हेनरी रीसी रुश्दी से बात कर रहे थे। उनके भी सिर में चोट आई है। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 


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