रूस स्टील्थ विमान बनाने में भारत को साथ लेने के प्रयास में
भारत रूस के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को विकसित करने की परियोजना पर कार्य कर रहा था।
मॉस्को, आइएएनएस। रूस के यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन (यूईसी) ने कहा है कि एसयू-57 स्टील्थ फाइटर प्लेन के लिए लिए वह दूसरी पीढ़ी का इंजन बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। यह इंजन सुपर क्रूज फीचर वाला होगा, यही खास गुण विमान को रडार की पकड़ में आने से बचाएगा। उच्च तकनीक वाले विमान इंजन बनाने वाली कंपनी ने वह स्टील्थ फाइटर प्लेन बनाने की परियोजना में भारत को शामिल करने का प्रयास कर रही है।
इस परियोजना में विलंब की वजह को स्पष्ट करते हुए कंपनी ने कहा है कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास से भारत के पीछे हटने से ऐसा हुआ। भारत रूस के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को विकसित करने की परियोजना पर कार्य कर रहा था लेकिन हाल ही में उसने इससे पीछे हटने की घोषणा की।
विमान की आवाज से भी तेज गति होगी
इस परियोजना से ही एसयू-57 फाइटर प्लेन के विकास की कड़ी जुड़ी हुई है, जो अंतत: स्टील्थ प्लेन में तब्दील होगा। पांचवीं पीढ़ी का जो विमान बनेगा उसका शुरुआती नाम पीएके-एफए होगा। सुपर क्रूज फीचर का तात्पर्य उसकी आवाज से तेज गति की चाल से होगा। विमान की गति और डिजायन के आधार पर ही उसे स्टील्थ प्लेन बनाया जाता है।
भारत को जोड़ने के लिए रूस का प्रयास जारी
यूईसी के मार्केटिंग विभाग के प्रमुख एंटन चेचुकोव ने बताया कि स्टील्थ विमान के लिए दूसरी पीढ़ी के इंजन का पहला सफल परीक्षण दिसंबर 2017 में हो चुका है और इसके विकास का सिलसिला जारी है। उन्होंने इसके विषय में अन्य कोई तकनीक जानकारी देने से इन्कार कर दिया। लेकिन यह भी कहा कि उच्च तकनीक वाली इस परियोजना से भारत को फिर से जोड़ने के प्रयास जारी हैं।
भारत इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़ना चाहता
भारत ने रूस के साथ मिलकर 2 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले फाइटर जेट बनाने के प्रोजेक्ट से भारत दूरी बनाना चाहता है। 5वीं जनरेशन के फाइटर जेट्स वाले प्रोजेक्ट पर भारत लगातार बढ़ रही लागत को लेकर पीछे पीछे हट गया था।