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रूस ने विपक्षी नेता को जर्मनी भेजने की सहमति दी, पुतिन के कट्टर आलोचक को जहर दिए जाने का संदेह

रूस के डॉक्टरों ने अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को इलाज के लिए जर्मनी ले जाने की इजाजत दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 06:28 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 05:23 AM (IST)
रूस ने विपक्षी नेता को जर्मनी भेजने की सहमति दी, पुतिन के कट्टर आलोचक को जहर दिए जाने का संदेह
रूस ने विपक्षी नेता को जर्मनी भेजने की सहमति दी, पुतिन के कट्टर आलोचक को जहर दिए जाने का संदेह

मॉस्को, एजेंसियां। रूस के डॉक्टरों ने जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को इलाज के लिए जर्मनी ले जाने की सहमति दे दी है। कोमा में चले गए विपक्षी नेता को जहर दिए जाने का संदेह है। एक वरिष्ठ फिजीशियन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 24 घंटे से ज्यादा समय तक एलेक्सी नवलनी की हालत और इलाज को लेकर तकरार के बाद फैसला बदला गया। 

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इससे पहले डॉक्टरों ने कहा था कि इस समय उनको दूसरी जगह भेजना घातक हो सकता है। 44 वर्षीय राजनेता नवलनी भ्रष्टाचार जांचकर्ता हैं और वह राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के धुर आलोचकों में से एक हैं। उन्हें साइबेरिया के ओम्स्क शहर में गुरुवार को सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें जहर दिया गया था और इसके पीछे क्रेमलिन का हाथ है। उनके परिवार और समर्थक उन्हें जर्मन मेडिकल क्लीनिक में ले जाना चाहते हैं। 

ओम्स्क में फिजीशियन ने जर्मन विशेषज्ञों और उन्नत उपकरण आने के बाद भी कहा कि उन्हें नहीं ले जाया जा सकता, क्योंकि उनकी स्थिति बहुत ही अस्थिर है। नवलनी के समर्थकों ने जर्मनी भेजने में देरी की निंदा करते हुए कहा है कि अधिकारियों को पता है कि कोई भी जहर लंबे समय बाद उनकी प्रणाली में नहीं मिल सकेगा। ओम्स्क के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि उनकी टीम यह नहीं मानती कि उन्हें जहर दिया गया है।

एलेक्सी की प्रवक्ता कीरा यारम्यश ने इको मॉस्कोवी रेडियो स्टेशन को बताया कि उनके नेता ने बृहस्पतिवार को विमान में सवार होने से पहले हवाई अड्डे पर स्थित कैफे से चाय पी थी जिसमें कुछ जहरीला पदार्थ दिया गया होगा। नवलनी को पसीना आ रहा था और उन्होंने मुझसे बात करने को कहा ताकि वह आवाज पर ध्यान केंद्रित कर सके। इसके बाद वह शौचालय गए जहां वह बेहोश हो गए। उनकी हालत बेहद नाजुक है, वह कोमा में वेंटिलेटर पर हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य विपक्षी हस्तियों ने इस मामले में क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) का हाथ होने की आशंका जताई है।


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