Move to Jagran APP

रूस में मिला हीरे के अंदर घूमता हुआ अनोखा हीरा, जानें- कौन से हैं 6 सबसे महंगे हीरे

रूस में मिला ये हीरा 80 करोड़ साल पुराना है। जानते हैं- दुनिया का पहला हीरा भारत में मिला था। जानें कैसे बनता है हीरा कहां होती है इसकी खेती और भारत में हीरों का इतिहास।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:11 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 01:07 PM (IST)
रूस में मिला हीरे के अंदर घूमता हुआ अनोखा हीरा, जानें- कौन से हैं 6 सबसे महंगे हीरे
रूस में मिला हीरे के अंदर घूमता हुआ अनोखा हीरा, जानें- कौन से हैं 6 सबसे महंगे हीरे

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। हीरा हमेशा खास होता है। इसकी एक चमक किसी की दुनिया हमेशा से दिवानी रही है। हीरों के कद्रदानों के लिए अच्छी खबर है। रूस की एक खदान में अब तक का सबसे अनोखा हीरा मिला है। दावा किया जा रहा है कि दुनिया में पहले कभी भी ऐसा हीरा नहीं पाया गया है। इसकी खासियत ये है कि इस हीरे के अंदर एक और हीरा है। अंदर मौजूद हीरा दूसरा से जुड़ा हुआ नहीं है। मतलब छोटा हीरा, बड़े हीरे के अंदर घूम सकता है। बताया जा रहा है कि ये हीरा करीब 80 करोड़ साल पुराना है।

loksabha election banner

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार ये हीरा साइबेरिया की एक खदान में मिला है। रूस की खदान कंपनी अलरोसा (Alrosa) पीजेएससी ने इस हीरे के बारे में जानकारी दी है। इस हीरे का वजन 0.62 कैरट है। इसके अंदर मौजूद दूसरे हीरे का वजन 0.02 कैरट होने का अनुमान है। अलरोसा के ‘रिसर्च एंड डवलपमेंट जियोलॉजिकल एंटरप्राइज’ के उपनिदेशक ओलेग कोवलचुक ने कहा, ‘जहां तक हम जानते हैं, हीरे के खनन के इतिहास में अभी तक इस तरह का हीरा नहीं मिला है, यह वास्तव में प्रकृति की एक अनूठी रचना है।’

हीरा साइबेरियाई क्षेत्र यकुशिया के न्युरबा खदान से निकला गया है, लेकिन इसको याकुत्स्क डायमंड ट्रेड एंटरप्राइज ने तराशा है। बाद में विश्लेषण के लिए इसे रिसर्च एंड डेवलपमेंट जियोलॉजिकल एंटरप्राइज को दिया गया। वैज्ञानिकों ने एक्स-रे माइक्रोटोमोग्राफी और स्पेक्ट्रोस्कोपी जैसी विधियों का प्रयोग कर इस हीरे की जांच की है। अलरोसा के एक प्रवक्ता ने कहा कि अब इसे विश्लेषण के लिए अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट को भेजा जाएगा।

साइबेरिया में मिले अद्भुत हीरे की एक्सरे इमेज।

पारंपरिक गुड़िया मैट्रीओशका जैसा हीरा

IANS के मुताबिक इस अनूठे हीरे को रूस की प्रसिद्ध पारंपरिक गुड़िया 'मैट्रीओशाका' की तरह बताया जा रहा है। इसमें भी बड़ी गुड़िया के अंदर एक छोटी गुड़िया होती है। इसी गुड़िया के नाम पर हीरे का नामकरण मैट्रीओशाका किया गया है।

कैसे बनता है हीरा?

100 प्रतिशत कार्बन से बना हीरा एक पारदर्शी रत्न होता है। ये रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप होता है, जिसमें किसी तरह की मिलावट नहीं होती है। रासायनिक तौर पर निष्क्रिय हीरा, अघुलनशील होता है। हीरे को अगर 763 डिग्री सेल्सिय तक गर्म किया जाए तो ये कार्बन डाई ऑक्साइड में तब्दील हो जाता है और राख बिल्कुल नहीं बचती है। इसे प्राकृतिक तौर पर मिलने वाले सभी पदार्थों में सबसे कठोर माना गया है।

साइबेरिया की इस विशाल खदान से मिला है ये दुर्लभ हीरा।

यहां होती है हीरे की खेती

अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित सारासोता इलाके में हीरों की खेती होती है। सुनने में ये भले अटपटा लगे, लेकिन सच है। यहां हीरे के एक छोटे टुकड़े का इस्तेमाल नए हीरे पैदा करने के लिए बीज की तरह किया जाता है। इस छोटे से टुकड़े को कार्बन के साथ मिलाकर एक ग्रोथ चैंबर में डाला जाता है। इसके बाद पृथ्वी के गर्भ जैसे तापमान और दबाव वाले एक रिएक्टर में ले जाया जाता है, जिसका तामपान तकरीबन 3000 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तरह से ग्रेफाइड हीरा बनने में तकरीबन 82 घंटे का वक्त लगता है।

भारत में मिला था दुनिया का पहला हीरा

हीरा पूरी दुनिया में हमेशा से राजसी ठाठ-बाट और वैभव का प्रतीक रहा है। भारत हजारों सालों से हीरे के कारोबार का केंद्र रहा है। 1700 के पहले तक भारत पूरी दुनिया में प्रमुख हीरा उत्पादक देश हुआ करता था। आज भी भारत के मध्य प्रदेश स्थित पन्ना व बुंदर परियोजना क्षेत्र और तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित कोल्लूर खान व गोलकुंडा क्षेत्र में हीरे की खानें पायी जाती हैं। विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भी गोलकुंडा की खान से ही निकला था, जो इस वक्त महारानी विक्टोरिया के ताज की शोभा बढ़ा रहा है। माना जाता है कि दुनिया का पहला हीरा 4000 साल पहले भारत में ही मिला था। ये हीरा गोलकुंडा क्षेत्र में नदी किनारे चमकदार रेत में मिला था। आपको जानकार हैरानी होगी दुनिया के लगभग 92 फीसद हीरों की कटाई और पॉलिश भारत में ही होती है। गुजरात का औद्योगिक शहर सूरत इसके लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

रात में ऐसी दिखती है साइबेरिया की वो खान जहां मिला है अद्भुत हीरा।

दुनिया के 6 सबसे महंगे हीरे

पिंक स्टार - वर्ष 2017 में हॉगकॉग में गुलाबी रंग के इस दुर्लभ हीरे की नीलामी हुई थी। तब इसकी बोली 462 करोड़ रुपये (7.1 करोड़ डॉलर) लगी थी। सबसे महंगे हीरों की बिक्री का ये विश्व रिकॉर्ड था। अंडे के आकार वाला ये हीरा 59.6 कैरेट का है। वर्ष 2013 में भी इसे नीलामी के लिख रखा गया था, लेकिन कोई इसे खरीद नहीं सका था।

ओपनहाइमर ब्लू - ये हीरा मई 2016 में 329 करोड़ रुपये (5.06 करोड़ डॉलर) में बिका था। इस हीरे का वजन 14.62 कैरट है। इसे जेनेवा के क्रिस्टी ऑक्शन हाउस द्वारा नीलाम किया गया था।

ब्लू मून - नवंबर 2015 में एक अंगूठी पर लगे इसे हीरे को 315 करोड़ रुपये (4.84 करोड़ डॉलर) में खरीदा गया था। 12.03 कैरेट के इस नायाब हीरे को हॉगकॉग के व्यवसायी जोसफ लू ने अपनी बेटी के लिए खरीदा था। उन्होंने बेटी के नाम पर ही इस हीरे का नाम 'ब्लू मून ऑफ जोसेफाइन' रखा।

सनराईज रूबी - गहरे लाल रंग का ये पत्थर वर्ष 2015 में 195 करोड़ रुपये (3 करोड़ डॉलर) में बिका था। 25.59 कैरेट का ये पत्थर 2015 में हीरे के बाद बिकने वाला सबसे कीमती जवाहरात था।

नारंगी हीरा - ये दुनिया का सबसे बड़ा नारंगी हीरा है, जिसकी निलामी 15.6 करोड़ रुपये प्रति कैरेट पर हुई थी। नवंबर 2013 में इस हीरे को क्रिस्टी ऑक्शन हाउस द्वारा नीलाम किया गया था। प्रति कैरेट की दर से बिकने वाला ये उस वक्त का सबसे महंगा हीरा था।

ग्राफ पिंक - नवंबर 2010 में 27.78 कैरेट के इस बेहद चमकदार गुलाबी हीरे को 300 करोड़ रुपये (4.62 करोड़ डॉलर) में नीलाम किया गया था। ये दुनिया के सबसे बड़े हीरों में शुमार है। इसे ब्रितानी डीलर लॉरेंस ग्राफ ने खरीदा था। उन्हीं के नाम पर इस हीरे का नाम ग्राफ पिंक पड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.