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चीनी व‍िदेश मंत्री भारतीय समकक्ष के साथ वार्ता को इच्‍छुक, भारत-चीन के तल्‍ख रिश्‍तों के मध्‍य मास्‍को पर टिकी निगाहें

जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच होने वाली मुलाकात से तय होगा कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी तनाव और बढ़ता है या नहीं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 02:52 PM (IST)
चीनी व‍िदेश मंत्री भारतीय समकक्ष के साथ वार्ता को इच्‍छुक, भारत-चीन के तल्‍ख रिश्‍तों के मध्‍य मास्‍को पर टिकी निगाहें
चीनी व‍िदेश मंत्री भारतीय समकक्ष के साथ वार्ता को इच्‍छुक, भारत-चीन के तल्‍ख रिश्‍तों के मध्‍य मास्‍को पर टिकी निगाहें

मास्‍को, एजेंसी। भारत-चीन के मध्‍य बढ़ते तनाव के बीच शंघाई सहयोग संगठन में चीन के विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री से मिलने की इच्‍छा जाहिर की है। हालांक‍ि, नई दिल्‍ली की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारत पूर्व में यह कह चुका है कि पूर्वी लद्दाख में वह अपने स्‍टैंड पर कायम है। उधर, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को रवाना होने से पूर्व यह कह चुके हैं कि एलएसी पर स्थिति बेहद गंभीर है और राजनीतिक स्तर पर गंभीर पहल की जरूरत है। गौरतलब है कि रूस की राजधानी मास्‍को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक चल रही है। इसमें चीन और भारत के विदेश मंत्री हिस्‍सा ले रहे हैं। यह उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों देशों के व‍िदेश मंत्रियों की इस बैठक में मुलाकात हो सकती है।

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बेनतीजा रही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात

गत सप्‍ताह मास्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात बेनतीजा रही। इसके बाद एक बार फ‍िर शंघाई सहयोग संगठन में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात पर उम्‍मीदें टिकी हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच होने वाली मुलाकात से तय होगा कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी तनाव और बढ़ता है या नहीं। बता दें कि मास्‍को में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी, लेकिन उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला था। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात को लेकर आधिकारिक तौर पर अभी दोनों पक्षों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। मई के पहले हफ्ते में चीनी सेना के घुसपैठ के बाद से शीर्ष राजनीतिक स्तर को छोड़ कर अन्य सभी स्तरों पर बातचीत हो रही है, लेकिन उसका कोई ठोस नतीजे अभी तक सामने नहीं आए हैं। 


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