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सोवियत संघ के अंतिम नेता गोर्बाचेव ने जूम पर मनाया 90 वां जन्मदिन, पुतिन समेत विश्‍व नेताओं ने दी बधाई

सोवियत संघ के अंतिम नेता और राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव ने अपना 90 वां जन्मदिन मनाया। उन्होंने अपना जन्मदिन कोरोना को देखते हुए जूम पर मनाया। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें अदभुत नेता और इतिहास को प्रभावित करने वाला शख्स बताया।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 07:31 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 07:31 PM (IST)
सोवियत संघ के अंतिम नेता गोर्बाचेव ने जूम पर मनाया 90 वां जन्मदिन, पुतिन समेत विश्‍व नेताओं ने दी बधाई
सोवियत संघ के अंतिम नेता और राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव

 मास्को, रायटर। सोवियत संघ के अंतिम नेता और राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव ने अपना 90 वां जन्मदिन मनाया। उन्होंने अपना जन्मदिन कोरोना को देखते हुए जूम पर मनाया। वह सावधानीवश एक माह के लिए अस्पताल में क्वारंटाइन हैं। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें अदभुत नेता और इतिहास को प्रभावित करने वाला शख्स बताया। पुतिन, जिन्होंने खुद सोवियत संघ के टूटने का शोक व्यक्त किया, ने गोर्बाचेव को एक बधाई टेलीग्राम भेजा, जो क्रेमलिन वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। गोर्बाचेव के प्रवक्ता पोल्याकोव ने बताया कि उनके जन्मदिन पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी बधाई दी है। गोर्बाचेव को 1990 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। गोर्बाचेव ने हाल ही में सात सौ पन्नों की एक किताब निकाली है, जिसमें उनके संस्मरण, पत्र और साक्षात्कार का संग्रह है। 

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गोर्बाचेव की भूमिका 

1980 के दशक में सोवियत नेता के रूप में हथियार नियंत्रण और लोकतंत्र उन्मुख सुधारों के चैंपियन गोर्बाचेव को शीत युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है। हालांकि रूस में उनके आलोचकों ने उन्हें दोष दिया क्योंकि वे 1991 में सोवियत संघ के अनावश्यक और दर्दनाक टूटने के रूप में भी जाने जाते हैं।

हाल के वर्षों में उनकी विरासत भी आंशिक रूप से अप्रभावित रही है क्योंकि शीत युद्ध के बाद मास्को और वाशिंगटन के संबंध मिसाइल तैनाती से पीछे हट गए थे। जब 2014 में क्रीमिया को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगाया गया था, तब उनकी कथित राजनीतिक मध्यस्थता और जियो पॉलिटिक्‍स ने अमेरिका-रूस संबंधों को बढ़ावा  दिया था


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