रूस में पुतिन के संवैधानिक सुधारों को मिला भारी समर्थन, 2036 तक सत्ता में रह सकते हैं काबिज
रूस की जनता ने संवैधानिक परिवर्तनों के लिए भारी मतदान करके 2036 तक व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में रहने का द्वार खोल दिया। इससे वे दो बार और राष्ट्रपति बन सकते हैं।
मास्को, रायटर्स। रूस की जनता ने संवैधानिक परिवर्तनों के लिए भारी मतदान करके 2036 तक व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में रहने का द्वार खोल दिया। इससे वे दो बार और राष्ट्रपति बन सकते हैं। 99.9% मतपत्रों की गिनती के बाद गुरुवार को प्रकाशित आधिकारिक परिणाम घोषित किए गए। रूस की सत्ता में पछले दो दशकों से अधिक समय से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहने वाले पुतिन का यह कार्यकाल 2024 में खत्म होगा। 67 वर्षीय पुतिन 83 वर्ष की आयु तक शासन कर सकते हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि 77.9% मत संविधान संशोधन के समर्थन में पड़े।
संसद और संवैधानिक न्यायालय से पहले ही यह संवैधानिक बदलाव को अनुमति मिल चुकी है। पहले यह मतदान 22 मई को होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। पुतिन के आलोचकों का कहना है कि मतदान प्रक्रिया केवल दिखावा है। वोटिंग में धांधली का भी आरोप लगाया है। आयोग के प्रमुख एला पामफिलोवा ने कहा कि वोटिंग एकदम पारदर्शी तरीके से हुआ और अधिकारियों ने इसकी ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ किया। विपक्षी राजनेता एलेक्सी नवलनी ने इस पर गैर- पारदर्शी बताया और वोटिंग को नाजायज और अवैध ठहराते हुए कहा कि इसे आजीवन पुतिन के लिए राष्ट्रपति पद को वैध बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
कोरोनो वायरस महामारी के कारण विपक्ष अभी विरोध नहीं करेगा
नवलनी ने एक वीडियो में समर्थकों से कहा, 'हम इस परिणाम को कभी नहीं मानेंगे। नवलनी ने कहा कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण विपक्ष अभी विरोध नहीं करेगा, लेकिन अगर उसके उम्मीदवारों को क्षेत्रीय चुनावों में भाग लेने से रोका गया या उनके नतीजों से छेड़छाड़ की गई, तो व्यापक प्रदर्शन होगा।
कोरोना वायरस के कारण सात दिनों तक वोटिंग प्रक्रिया चली
जनमतसंग्रह के दौरान रूस के लोगों ने पुतिन को राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की इजाजत देने के अलावा कई अन्य संशोधनों के लिए भी वोटिंग की। इसमें गारंटी पेंशन और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध जैसे मुद्दे शामिल हैं। कोरोना वायरस के कारण सात दिनों तक वोटिंग प्रक्रिया चली।