अमेरिका और रूस के बीच हालात सुधरने के आसार, पुतिन ने मीडिया को ठहराया ‘दोषी’
गुरूवार को रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने जानकारी देते हुए बताया कि पुतिन और बाइडन के बीच की मुलाकात बहुत ही पॉजिटिव रही। दोनों नेताओं ने संयुक्त तौर पर कहा है कि विश्व को बहुत ही महत्वपूर्ण के रूप में परमाणु युद्ध से बचने की जरूरत है।
मास्को, रॉयटर्स। बुधवार को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विश्व की दो सबसे ताकतवर शख्सियतें आमने-सामने थीं। अमेरिका और रूस के बिगड़े संबंधों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात हुई। बाइडन और पुतिन की मुलाकात से पहले मीडिया में तरह-तरह की अटखले थीं। लेकिन अब अटखलों के उल्ट परिस्थितियां हैं। गुरूवार को पुतिन ने बाइडन की तारीफों के पुल बांध दिए।
पुतिन ने मीडिया को ठहराया कसूरवार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जो बिडेन की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि बाइडन को रूसी और अमेरिकी मीडिया में अनफोकस्ड और अस्पष्ट तरीके से दिखाया गया। मुलाकात के बाद अब दोनों ही नेता हथियार नियंत्रण और साइबर-सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए राजी हो गए हैं।
विश्व में परमाणु युद्ध का संकट टला
गुरूवार को रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने जानकारी देते हुए बताया कि, पुतिन और बाइडन के बीच की मुलाकात बहुत ही पॉजिटिव रही। दोनों नेताओं ने संयुक्त तौर पर कहा है कि, विश्व को बहुत ही महत्वपूर्ण के रूप में परमाणु युद्ध से बचने की जरूरत है। एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने यूनिवर्सिटी के छात्रों से बात करते हुए बाइडन के बारे में अपने भाव वयक्त किए। जो की रूसी मीडिया के बिल्कुल विपरीत थे। रूसी मीडिया ने बाइडन को एक कमजोर नेता के तौर पेश किया था। पुतिन ने छात्रों को बताया कि, बाइडन को जिस तरह से हमारी और अमेरिकी प्रेस पेश करती है, वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं है।
‘बेहद प्रोफेशनल हैं बाइडन’
पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को एक प्रोफेशनल व्यक्ति बताया, साथ ही उन्होंने कहा की बाइडन के साथ काम करते वक्त आपको बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। ताकी आप ये सुनिश्चित कर सकें कि, आप कुछ भी भूल नहीं रहे हैं। क्योंकि वो कुछ भी नहीं भूलते। मैं इस बात पर मुहर लगा सकता हूं।
अमेरिका के लिए रूसी राष्ट्रपति के इस तरह के बयान पूरे विश्व को आश्वस्त करने के लिए काफी हैं कि, मौजूदा दौर में वैश्विक शांती को कोई खतरा नहीं है। बातचीत के बाद दोनों देशों में कई मुद्दों पर में सहमति बनी। इसमें परमाणु हथियारों को सीमित करने, साइबर सिक्युरिटी और राजदूतों की वापसी जैसे मुद्दे हैं।