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न्यू स्टार्ट संधि को आगे बढ़ाने पर रूस और अमेरिका सहमत, परमाणु हथियार से संबंधित बिल को रूसी संसद की मंजूरी

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि मास्को और अमेरिका न्यू स्टार्ट संधि को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। क्रेमलिन की इस घोषणा पर व्हाइट हाउस ने तुरंत तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 07:27 PM (IST)
न्यू स्टार्ट संधि को आगे बढ़ाने पर रूस और अमेरिका सहमत, परमाणु हथियार से संबंधित बिल को रूसी संसद की मंजूरी
मास्को और अमेरिका 'न्यू स्टार्ट संधि' को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं।

मास्को, एजेंसियां। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि मास्को और अमेरिका 'न्यू स्टार्ट संधि' को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। खास बात यह है कि क्रेमलिन की इस घोषणा पर व्हाइट हाउस ने तुरंत तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह जरूर कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने टेलीफोन पर इस मुद्दे पर चर्चा की है। साथ ही इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि उनकी टीमें पांच फरवरी को खत्म हो रही संधि से पहले इसे आगे बढ़ाए जाने का काम पूरा कर लेंगे।

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2010 में हुई थी न्यू स्टार्ट संधि

न्यू स्टार्ट संधि अमेरिका और रूस के बीच अब कायम एकमात्र समझौता है। यह समझौता रूस के परमाणु बलों पर लगाम लगाने वाला और दोनों देशों के बीच रणनीतिक स्थिरता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। न्यू स्टार्ट संधि 2010 में हुई थी, जिसके तहत 1550 परमाणु हथियार मॉस्को और वाशिंगटन की ओर से तैनात किए जा सकते हैं। मॉस्को और वाशिंगटन दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार रखने वालों में शामिल हैं।

अप्रत्याशित नहीं है यह एलान

विशेषज्ञ क्रेमलिन द्वारा की गई घोषणा को अप्रत्याशित नहीं मान रहे हैं। 20 जनवरी को पद संभालने के बाद पुतिन और बाइडन ने पहली बार बातचीत की है। पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के दौरान समझौता नहीं हो सका था, क्योंकि तब अमेरिका ने कुछ शर्ते रख दी थी, जिसे मास्को ने खारिज कर दिया था।

संधि पर मुहर

क्रेमलिन ने कहा, 'पुतिन और बाइडन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि संधि को आगे बढ़ाने के लिए दोनों राष्ट्रों के बीच राजनयिक दस्तावेजों का आदान-प्रदान मंगलवार को पहले कर दिया गया था।' व्हाइट हाउस ने दस्तावेजों के आदान-प्रदान और समझौता होने पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उसका बयान उत्साहित करने वाला था।

दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया

वहीं नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया था। हालांकि जब यह पूछा गया कि आखिर वाशिंगटन इसे स्पष्ट रूप से समझौता कहने से क्यों डर रहा है तो एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा द्वारा कुछ मंजूरियों के चलते ऐसा हुआ। हालांकि संधि को आगे बढ़ाने के लिए किसी तरह के विधायी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।

दोनों देशों के हित में समझौता

क्रेमलिन ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत के दौरान बाइडन से कहा कि संबंधों का सामान्य होना दोनों देशों के हित में रहेगा। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ट्रंप प्रशासन के दौरान हुई ओपेन स्काई ट्रीटी से अमेरिका के बाहर रहने के फैसले पर भी चर्चा की। ईरान के परमाणु कार्यक्रम और यूक्रेन में संघर्ष को लेकर भी दोनों नेताओं में चर्चा हुई।

परमाणु हथियार से संबंधित बिल को रूस संसद की मंजूरी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को संसद में एक विधेयक पेश कर अमेरिका के साथ परमाणु हथियार संधि को पांच साल के लिए बढ़ाया। रूस की अमेरिका के साथ परमाणु हथियार से संबंधित न्यू स्टार्ट संधि पांच फरवरी को खत्म होने वाली थी। 


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