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भारत के लिए अच्छी खबर, डॉक्टर रेड्डी लैब को कोविड-19 वैक्सीन 'Sputnik-V' बेचेगा रूस

कोविड-19 महामारी से जूझ रही दुनिया में जहां वैक्सीन के लिए जद्दोजहद जारी है वहीं रूस में विकसित वैक्सीन के लिए भारत के एक लैब के साथ सौदे की खबर है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 03:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 03:08 PM (IST)
भारत के लिए अच्छी खबर, डॉक्टर रेड्डी लैब को  कोविड-19 वैक्सीन 'Sputnik-V' बेचेगा रूस
भारत के लिए अच्छी खबर, डॉक्टर रेड्डी लैब को कोविड-19 वैक्सीन 'Sputnik-V' बेचेगा रूस

मॉस्को , रॉयटर्स। कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने वाला दुनिया का पहला देश रूस है और इसने कहा है कि वैक्सीन को अप्रूवल मिलने के बाद 100 मिलियन खुराक भारत भेजे जाएंगे। रूस के वेल्थ फंड  की ओर से बुधवार को जानकारी दी गई कि यह भारत के डॉक्टर रेड्डी लैब (Dr. Reddy's Laboratories) को स्पूतनिक-V ( Sputnik-V) वैक्सीन देगा।  इसके अनुसार, नियामक की मंजूरी मिलने के बाद कोविड-19 वैक्सीन के कुल 100 मिलियन डोज भारत भेजे जाएंगे।

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रूस के डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने आगे कहा कि यह क्लिनिकल ट्रायल के लिए भारतीय फर्म के साथ वैक्सीन के साझेदारी के लिए तैयार है।डॉक्टर रेड्डी की भारत की दिग्गज फर्माक्यूटिकल कंपनियों में से एक डॉक्टर रेड्डी की कंपनी है। भारत में वैक्सीन के फेज III का क्लिनिकल ट्रायल डॉक्टर रेड्डी में जारी है। RDIF ने बताया कि 2020 के अंत तक भारत में वैक्सीन की डिलीवरी  शुरू हो सकती है। की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि रेगुलेटरी ऑथोरिटीज इन इंडिया द्वारा रजिस्ट्रेशन पर निर्भर करता है। 

अगस्त की शुरुआत में विकसित किए गए इस वैक्सीन के लिए वहां के प्रत्यक्ष निवेश निधि के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने कहा कि इस वैक्सीन की एक अरब खुराक के लिए 20 देशों से ऑर्डर मिल चुके हैं। चार देशों में अपने सहयोगियों के साथ रूस हर साल इसकी 50 करोड़ खुराक बनाएगा। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिकी, पश्चिम व दक्षिणी एशियाई देशों ने इस टीके को खरीदने में रुचि दिखाई है और कई कांट्रैक्ट भी किए जा चुके हैं।

वैक्सीन विकसित करने के क्रम में ही मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा था कि वैक्सीन का प्रोडक्शन हो जाने के बाद सबसे पहला टीका फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को दी जाएगी। वैज्ञानिकों ने कहा कि फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को दिया जाना अधिक जरूरी है क्योंकि उन्हें आगे भी संक्रमितों के बीच रहना है। इसके साथ ही रूस ने सितंबर में इस वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की बात कही है। उल्लेखनीय है कि यह दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन है जिसे रेगुलेटरी अप्रूवल मिला है।


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