सुदूर पर्वू में शीत युद्ध जैसे हालात, अमेरिका और चीन के बाद रूस ने क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई
रूस के इस कदम से सुदूर पूर्व में सैन्य हलचल बढ़ गई है। इसके साथ ही दुनिया में एक बार फिर शीत युद्ध का खतरा बढ़ गया है।
मॉस्को, एजेंसी। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन की दिलचस्पी के बाद रूस ने भी अपनी गहरी दिलचस्पी दिखाई है। रूस ने सुदूर पर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है। रूसी रक्षा मंत्री शोइगू ने रविवार को कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर सुदूर पूर्व में मॉस्को अपने सैन्य उपस्थिति को और मजबूत करेगा। रूसी सेना द्वारा इस क्षेत्र में किया गया अभ्यास क्षेत्र में तनाव को बढाएगा। रूस के इस कदम से बेलारूस, क्रीमिया और मध्य एशिया के बाद सुदूर पूर्व में भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। इस क्षेत्र में रूसी सैन्य हलचल से एक बार फिर दुनिया में शीत युद्ध का खतरा बढ़ गया है।
पूर्वी सीरिया में आमने-सामने रूस और अमेरिका
उधर, पूर्वी सीरिया में गश्त करने वाले अमेरिकी और रूसी सेनाओं के बीच इस साल भिड़ंत की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले महीने दोनों सेनाओं के बीच सबसे गंभीर संघर्ष तब हुआ, जब रूसी वाहनों ने एक हल्के बख्तरबंद अमेरिकी सैन्य वाहन पर हमला किया। इस हमले में चार अमेरिकी घायल हो गए थे। इसके बाद अमेरिका ने शनिवार को पूर्वी सीरिया में रूसी बलों का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया है। अमेरिका ने अपना रडार सिस्टम भी भेजा है। इसके साथ अमेरिकी और गठबंधन सेना की बेहतर सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में फाइटर जेट गश्त को बढ़ा दिया गया है।
रूस और चीन के संबंधों में भी दरार
रूस द्वार चीन को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के निलंबन की घोषणा के बाद मॉस्को और बीजिंग के बीच संबंधों में दरार आई है। हालांकि, चीन ने शुरू में इसके पीछे तकनीकी कारण बताया था ताकि दोनों देशों के बीच कटुता उजागर नहीं हो। उस वक्त यह भी चर्चा थी कि रूस में चीन द्वारा की जा रही खुफिया जानकारी के बाद मॉस्को ने यह कदम उठाया है। लेकिन धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच संबंधों में कटुता उत्पन्न होने लगी। बता दें रूस की एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को अपनी तरह की सबसे उन्नत है।