कोरोना से लड़ने में लगभग 92% कारगर पाई गई ये वैक्सीन, भारत में जल्द हो सकती है लॉन्च
रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी का दुनिया में सबसे पहले 11 अगस्त 2020 को रजिस्ट्रेशन किया गया था। रूसी वैक्सीन का तीसरा और आखिरी चरण के ट्रायल का नतीजा सामने आ गया है जिसमें से लगभग 92% प्रभावी पाई गई है।
मॉस्को, रायटर। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक और कामयाबी हाथ लगी है। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में करीब 92 फीसद कारगर पाई है। वैज्ञानिकों ने द लैंसेट इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल में प्रकाशित लेख में बताया है कि वैक्सीन के तीसरे और आखिरी चरण के ट्रायल के परिणाम में ये वैक्सीन COVID-19 से लड़ने में लगभग 92% प्रभावी पाई गई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण के परिणामों का मतलब है कि दुनिया के पास घातक महामारी से लड़ने के लिए एक और प्रभावी हथियार मौजूद है और इससे ये बात साबित हो जाती है कि आखिरी आंकड़ों के जारी होने से पहले वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी देना सही फैसला था।
मॉस्को में गेमालेया संस्थान द्वारा टीके विकसित और परीक्षण किए गए परिणाम परीक्षण के पहले चरणों में बताई गई प्रभावकारिता के आंकड़ों के अनुरूप थे, जो सितंबर से मॉस्को में चल रहा है। इयान जोन्स, रीडिंग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और पॉली रॉय, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर, ने कहा कि स्पुतनिक वैक्सीन के विकास की आलोचना अनजाने में जल्दबाजी, कोने की कटाई और पारदर्शिता की अनुपस्थिति के लिए की गई है।
19,866 वॉलेंटियर के डेटा को प्रभावकारिता विश्लेषण में शामिल किया गया था। जिनमें से 14,964 लोगों को वैक्सीन और 4,902 को प्लेसबो दिया गया था।
भारत में मार्च में कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक लांच करेगी डॉ. रेड्डीज
इस बीच डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने उम्मीद जताई है कि वह भारत में में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-5 को मार्च में लांच कर देगी। तब तक कंपनी को इसके लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने की उम्मीद है।हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज भारत में स्पुतनिक-5 का परीक्षण कर रही है। कंपनी का अनुमान है कि अगले महीने तक इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो जाएगा। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक साप्रा ने कहा कि तीसरे चरण का 70 फीसद ट्रायल पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि मार्च तक कंपनी इसे लांच कर देगी। साप्रा ने कहा कि तीसरे चरण का ट्रायल फरवरी में पूरा हो जाएगा। उसके बाद वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए डाटा भारतीय दवा महानियंत्रक के पास जमा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी ने इसके उत्पादन की तैयारी भी तेज कर दी है।