रूस ने कहा-द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम स्वीकार करे जापान, जानें क्यों कहा ऐसा
रूस ने जापान को द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम स्वीकार कर लेने की सलाह दी है।
मॉस्को, रायटर। रूस ने जापान को द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम स्वीकार कर लेने की सलाह दी है। देश के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हालांकि कुरील द्वीपों को लेकर चल रहे विवाद पर जापान को अंतिम चेतावनी दिए जाने से इन्कार किया है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतिम दिनों में सोवियत संघ ने प्रशांत महासागर में स्थित चार द्वीपों पर कब्जा कर लिया था। जापान और रूस उन पर अपनी संप्रभुता का दावा करते हैं। इस विवाद के कारण दोनों देशों के बीच शांति संधि नहीं हो पाई। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने इस मामले को सुलझाने की ओर कदम बढ़ाया है।
22 जनवरी को वह इस मसले पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता भी करने वाले हैं। दूसरी तरफ रूस का कहना है कि शांति समझौते से पहले जापान को उन द्वीपों पर रूस की संप्रभुता स्वीकार करनी चाहिए।
लावरोव ने कहा, 'यह वार्ता की शर्त नहीं है। हम बस यह समझना चाहते हैं कि जापान द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम स्वीकार क्यों नहीं कर पा रहा?' उन्होंने यह भी कहा कि रूस ने कई बार शांति संधि करने की कोशिश की है। लेकिन द्वीपों को लेकर चल रहा मतभेद इसमें अड़ंगा है। रूसी नागरिक भी जापान को कोई भी द्वीप लौटाने के पक्ष में नहीं हैं।