रूस की खुफिया एजेंसी पर साइबर हमले का आरोप, चार खुफिया अफसर नीदरलैंड से निष्कासित
ये जीआरयू की इमारत है। जीआरयू पर आरोप है कि उसने बीते अप्रैल में रासायनिक हथियारों की जांच करने वाली संस्था के रिकॉर्ड में घुसपैठ की।
ब्रसेल्स, एपी/एएफपी। पश्चिमी देशों ने रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी जीआरयू पर बड़े साइबर हमले करने का आरोप लगाया है। नीदरलैंड्स और ब्रिटेन ने आरोप लगाया है कि रूसी हैकरों ने रासायनिक हथियारों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था और 2014 में यूक्रेन के ऊपर मलेशियाई विमान को गिराने की घटना की जांच पर हमला किया गया। दोनों मामलों में रूस ने साइबर हमला करके निष्कर्षो के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की।
जीआरयू पर आरोप है कि उसने बीते अप्रैल में रासायनिक हथियारों की जांच करने वाली संस्था के रिकॉर्ड में घुसपैठ की। नीदरलैंड्स की रक्षा मंत्री एनक बिजलेवीड ने बताया है कि चार रूसी खुफिया अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से देश से निष्कासित कर दिया गया है।
मलेशियाई विमान हादसा मामले में डच रक्षा मंत्री ने कहा, हमें मामले से जुड़े रूसी हितों की जानकारी है। इसलिए जांच को सही दिशा में जारी रखने के लिए हम आवश्यक कदम उठा रहे हैं। दोनों मामलों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स की सरकारों ने रूस की संलिप्तता की निंदा की है।
अमेरिका ने सात रूसी जासूस काली सूची में डाले
अमेरिका के न्याय विभाग ने रूसी सैन्य खुफिया एजेंसी जीआरयू के सात अधिकारियों को काली सूची में डाल दिया। इस सूची में आने के बाद उनका अमेरिका और उसके मित्र देशों से किसी तरह का संपर्क नहीं रह पाएगा और न ही वे इन देशों में या उनकी एयरलाइंस में यात्रा कर पाएंगे। यह कार्रवाई नीदरलैंड्स में हुए साइबर हमले के सिलसिले में की गई है।